
चीन की धमकी पर भारत का करारा जवाब- 1962 की तरह कमजोर नहीं हैं हम
नई दिल्ली : सिक्किम सीमा पर चल रहे तनाव पर चीन की धमकी का भारत ने कड़े शब्दों में जवाब दिया है। भारत ...
नई दिल्ली : सिक्किम सीमा पर चल रहे तनाव पर चीन की धमकी का भारत ने कड़े शब्दों में जवाब दिया है। भारत ने चीन के उस दावे को सिरे से खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सैनिकों ने उसकी सीमा में प्रवेश किया था। भारत विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को 11 बिंदुओं वाले अपने जवाब में कहा कि चीनी सैनिकों ने चुंबी घाटी स्थित तिब्बती भूभाग डोकलम में जबरन प्रवेश कर सड़क बनाने की कोशिश की थी। विदेश मंत्रालय के साथ ही रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी चीन को कड़ा संदेश दिया। जेटली ने दो टूक कहा कि 1962 और 2017 में काफी फर्क है। इस बीच भारत ने सिक्किम स्थित नाथू-ला दर्रे से होने वाली मानसरोवर यात्रा को भी भारत ने रद्द कर दिया है। चीन ने तीर्थयात्रियों के जत्थे को सीमा पर ही रोक दिया था।
भारत ने सिक्किम सीम पर चल रहे तनाव और चीन की तरफ से आर रही आक्रामक टिप्पणियों के बीच गुरुवार को अपने पड़ोसी को करारा जवाब दिया। विदेश मंत्रालय ने 11 बिंदुओं के साथ सीमा को लेकर भारत और भूटान का पक्ष मजबूती से पेश किया। भारत का साफ कहना है कि चीनी सेना ने अपने बयान में भारत ने साफ किया है कि मौजूदा विवाद असल में भूटान और चीन के बीच है, लेकिन भूटान का रक्षा सहयोगी होने के कारण भारत थिंपू को पूरा सहयोग दे रहा है। भारत ने साफ किया है कि वह चीन द्वारा भूटान की सीमा के अंदर रोड बनाने की कोशिशों का विरोध कर रहा है। भारत ने चीन को भूटानी भूभाग से अपनी सेना वापस लौटाने को भी कहा। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने चीन को कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि चीन दूसरे देश की जमीन पर कब्जा कर रहा है। भारत और भूटान के बीच सुरक्षा का समझौता है, इसलिए भारत का चिंतित होना स्वभाविक है।