मीरजापुर, 18 नवम्बर विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट के न्यायाधीश
संतोष कुमार त्रिपाठी ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले ददोली आदिवासी
का दोष सिद्ध होने पर 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 20 हजार रुपये
अर्थदंड लगाया।
दरअसल, वादी मुकदमा ने 17 सितंबर 2016 को हलिया
थाने पर तहरीर देकर बताया था कि उसकी 10 वर्ष की नाबालिग लड़की 16 सितम्बर
की शाम घर से कुछ दूर हैंडपम्प से पानी लेने गई थी। आरोप है कि इसी दौरान
ददोली आदिवासी नाबालिग को पकड़कर खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता के शोर मचाने पर मेरी पत्नी व उसका छोटा भाई तथा गांव के कई लोग
दौड़े तो आरोपित भाग गया। घटना के बाद पीड़िता घर आई तो आपबीती सुनाई। वादी
मुकदमा की लिखित तहरीर के आधार पर हलिया पुलिस ने आरोपित ददोली आदिवासी के
विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामले को
साबित करने के लिए विशेष लोकभियोजक सुनीता गुप्ता ने कुल 10 गवाहों को
न्यायालय में प्रस्तुत कराया। साक्ष्य व गवाहों के बयान के आधार पर ददोली
आदिवासी उर्फ दाढ़ी पुत्र भूलन निवासी सोनगढ़ा थाना हलिया जनपद मीरजापुर को
न्यायालय ने दोषी ठहराया और 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 20 हजार
रुपये अर्थदंड लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर आरोपित को छह माह अतिरिक्त
कारावास भुगतना होगा।
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नाबालिग के साथ दुष्कर्म पर 10 वर्ष की सजा, 20 हजार रुपये जुर्माना
