शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के एक सेब कारोबारी के
ड्रग्स रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। कारोबारी कई सालों से सेब की
आड़ में ड्रग रैकेट को संचालित कर रहा था। कारोबारी अपने पूरे ड्रग्स रैकेट
को व्हाट्सएप के जरिए अंजाम देता था और ड्रग्स डिलीवरी करने वाले शख्स और
इसे हासिल करने वाला व्यक्ति कभी एक-दूसरे से नहीं मिलते थे।
शिमला
के एसपी संजीव कुमार गांधी ने सोमवार को बताया कि शिमला का एक सेब कारोबारी
शाही महात्मा (शशि नेगी) पिछले पांच-छह वर्षों से अंतरराज्यीय 'चिट्टा'
(मिश्रित हेरोइन) रैकेट चला रहा था और इसके दिल्ली में नाइजीरियन ड्रग गैंग
और हरियाणा के अन्य गैंग के साथ संपर्क था। उसका कश्मीर में भी कुछ लोगों
के साथ संपर्क था। शशि नेगी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके गिरोह के
करीब दो दर्जन तस्करों को भी पकड़ा जा चुका है।
एसपी ने बताया कि
आरोपित सेब कारोबारी ने रैकेट को इतनी कड़ियों में बांट रखा था कि उसे यकीन
था कि पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकती है। लेकिन 20 सितंबर को उसे उस वक्त
झटका लगा जब पुलिस ने शिमला में इस साल की सबसे बड़ी ड्रग्स की जब्ती की।
पुलिस को इस दौरान 465 ग्राम 'चिट्टा' मिला।
व्हाट्सएप पर होती थी ड्रग्स की मांग
पुलिस
अधिकारी ने बताया कि ड्रग्स की मांग व्हाट्सएप पर होती थी। ये लोग पहले
सुनिश्चित करते थे कि ड्रग्स के वितरण से पहले यह चार हाथों से गुजरे।
उन्होंने मांग लाने, ड्रग्स की आपूर्ति करने और भुगतान प्राप्त करने के लिए
अलग-अलग लोगों को नियुक्त किया। वे सभी खुद कभी किसी भी साझेदार के साथ
सीधे संपर्क में नहीं आते थे। डिलीवरी करने वाला व्यक्ति ड्रग को एक अलग
स्थान पर रखता और खरीदार को वहां से उठाने के लिए वीडियो साझा करता था।
पैसे भी अलग-अलग खातों से होते हुए नेगी के खाते में पहुंचते थे। पुलिस
अधिकारियों ने बताया कि पिछले 15 महीनों में आरोपितों के बैंक खातों में
2.5-3 करोड़ रुपये के फंड फ्लो का पता चला है।
आरोपित सेब कारोबारी
की पोल तब खुली जब पुलिस ने अप्पर शिमला में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा
निवासी एक तस्कर को चिट्टे की खेप के साथ पकड़ा था। आरोपित से हुई पूछताछ
में सामने आया कि उसने चिट्टे की खेप को रोहड़ू में रहने वाले उक्त सेब
कारोबारी तक पहुंचानी है। इसके बाद पुलिस ने आरोपित सेब कारोबारी के ड्रग
साम्राज्य पर शिकंजा कसा।