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नए थलसेना अध्यक्ष का मध्य प्रदेश से है गहरा नाता, रीवा में जन्म और सैनिक स्कूल में पढ़ाई




भोपाल, । लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार की भारतीय थल सेना के अध्यक्ष की कमान संभाल ली है। उन्होंने जनरल मनोज पांडेय की जगह ली। इसके पहले वे 46वें उपसेना प्रमुख के रूप में सेवा दे रहे थे। नए थलसेना अध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी का मध्य प्रदेश से गहरा नाता है। वे मध्य प्रदेश के रीवा जिले में जन्मे हैं और यहां के सैनिक स्कूल से ही उन्होंने साल 1973 से 1981 तक पढ़ाई की है।


जुलाई 1964 में जन्मे नए थलसेना अध्यक्ष उपेन्द्र द्विवेदी तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके बड़े भाई डॉ. पीसी द्विवेदी नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और रीवा मेडिकल कॉलेज से 2019 में अधिष्ठाता के पद से रिटायर हुए हैं, जबकि दूसरे नंबर के भाई प्रेम शंकर द्विवेदी सिंचाई विभाग में प्रदेश में सर्वोच्च पद से रिटायर हुए। उनकी एक बहन है, जिनका नाम पुष्पा पांडेय हैं। वे जबलपुर में गायनेकोलॉजिस्ट हैं।



बड़े भाई डॉ. पीसी द्विवेदी ने बताया कि पिता श्रीकृष्ण द्विवेदी ने तय कर लिया था कि उपेन्द्र को सेना में भेजना है। वह पांचवीं तक अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ में पढ़ा। उस वक्त पिताजी अंबिकापुर में माइनिंग ऑफिसर थे। पिता चाहते थे कि तीन बेटों में एक सेना में जाकर देश की सेवा करे। इसीलिए उनका सैनिक स्कूल में दाखिला करा दिया। उपेन्द्र शुरू से ही प्रतिभाशाली, संयमित और अनुशासित थे। उन्होंने सैनिक स्कूल में पढ़ाई के दौरान नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) का फॉर्म भर दिया। इसकी जानकारी उन्होंने घर पर नहीं दी। यहां तक कि परीक्षा देने और परिणाम आने तक के बारे में नहीं बताया। परिणाम आने पर जब वे सिलेक्ट हो गए, तब घर वालों को बताया। उनके सरप्राइज से सभी परिजन हैरान रह गए।



उपेन्द्र को 20 साल की उम्र में 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 18वीं बटालियन में शामिल किया गया, जहां उन्होंने ऑपरेशन रक्षक के दौरान कश्मीर घाटी में में एक बटालियन की कमान संभाली। कुछ ही समय बाद उन्होंने राजस्थान के रेगिस्तान और फिर ऑपरेशन राइनो के दौरान मणिपुर में असम राइफल्स के एक सेक्टर की कमान संभाली।फिर उन्होंने क्रमशः बख्तरबंद ब्रिगेड, माउंटेन डिवीजन, स्ट्राइक कोर, एकीकृत मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय में अपनी सेवाएं दी
उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षक के रूप, आर्मी वॉर कॉलेज के उच्च कमान विंग, विदेशी कार्यकालों में अफ्रीका, यूरोप और सोमालिया में भी काम किया। उन्हें फरवरी 2020 में कोर का कमांडर नियुक्त किया गया। एक साल बाद अप्रैल 2021 में उन्होंने उप सेना प्रमुख (सूचना प्रणाली और समन्वय) का पदभार संभाला। फिर एक फरवरी 2022 को उन्होंने उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ का पदभार संभाला। उन्होंने 19 फरवरी 2024 को 46वें उप सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला, जहां उन्हें उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के रूप में नियुक्त किया गया था। इस पद पर वे अब तक रहे। इसके बार 11 जून 2024 को उन्हें अगला सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया।



पीसी द्विवेदी ने बताया कि हम लोगों को उपेन्द्र की व्यस्तता का अंदाजा है। जिस वजह से अब फोन कम ही करते हैं, लेकिन हर रविवार सुबह 7 से 8 के बीच उनका कॉल आता है। इस दौरान हम एक-दूसरे से पारिवारिक बातें करते हैं। खाने में उन्हें बघेलखंड का खाना पसंद है। बघेलखंड का कोई भी डिश हो, वो चाव से खाते हैं। कढ़ी-भात उन्हें बेहद पसंद है। अगर मुझे कोई जरूरत होती है, तो मैसेज कर देता हूं। समय मिलने पर वो रिटर्न कॉल कर लेते हैं। मैं उपेंद्र से 10 साल बड़ा हूं, इसलिए वह आज भी मुझे अभिभावक के तौर पर देखते हैं। फरवरी 2014 में पुंछ में उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। गनीमत रही कि हादसे से पांच मिनट पहले ही वे उतर चुके थे।


बड़े भाई ने बताया कि उपेंद्र की पत्नी सुनीता द्विवेदी रीवा के जाने-माने डॉक्टर स्वर्गीय टीएस त्रिपाठी की बेटी हैं। उनकी अरेंज मैरिज हुई थी। उनकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी शिवांगी ने यूएसए से एबीए किया है। वह सोशल वर्कर हैं। पत्नी सुनीता समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे बड़ी बेटी के साथ मिलकर एनजीओ चलाती हैं। छोटी बेटी शिवानी जर्मनी में पत्रकारिता का कोर्स कर रही हैं।