BREAKING NEWS

logo

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने उत्तरप्रदेश के बरसाना से पकड़ा बारह साल से फरार मोस्ट वांटेड




जयपुर,। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने अपहरण-डकैती के मामले में थाना कैथून जिला कोटा ग्रामीण में बारह साल से वांछित आरोपी मुरारीलाल शर्मा निवासी पलसो थाना गोवर्धन जिला मथुरा को बरसाना इलाके से दस्तयाब करने में सफलता हासिल की है। पकड़े गए आरोपी पर पुलिस अधीक्षक कोटा ग्रामीण द्वारा पच्चीस हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स एवं अपराध दिनेश एमएन ने बताया कि टीम को सूचना मिली कि कोटा ग्रामीण के थाना कैथून में बारह साल से वांछित आरोपी मुरारी लाल बरसाना क्षेत्र में फरारी काट रहा है जो रविवार को राधा रानी मंदिर आएगा। इस सूचना पर एजीटीएफ की टीम ने एसएचओ कामां मनीष शर्मा एवं साइबर सेल प्रभारी कोटा ग्रामीण एएसआई भूपेंद्र सिंह की मदद से बरसाना स्थित राधा रानी मंदिर के बाहर घेराबंदी कर आरोपी मुरारी लाल शर्मा को डिटेन कर लिया। जिसे थाना कामां लाकर साइबर सेल प्रभारी एएसआई भूपेंद्र सिंह की टीम को सुपुर्द कर दिया गया।

एमएन ने बताया कि 18 अक्टूबर 2012 को खुशालीपुरा थाना कनवास निवासी किसान बाबूलाल गुर्जर अपने गांव से भामाशाह मंडी कोटा में धनिया बेचने आया था। वापसी में एक ड्रम में डीजल भरवाकर अपने ट्रैक्टर से लौट रहा था कि पीछे से आई एक जाइलो गाड़ी में बैठे व्यक्तियों ने उसे रुकवाया और एक्सीडेंट करके आना कह जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठा कर अपहरण कर लिया। उनमें से दो लड़के किसान का ट्रैक्टर लेकर कोटा की ओर चले गए। बाकी बदमाशों ने रास्ते में किसान से मारपीट कर उसका मोबाइल और पास में रखे 10 हजार 500 छीन लिए और रावतभाटा के पास जावरा गांव के एक स्कूल के खंभे से बांधकर फरार हो गए। इस मामले में कैथून पुलिस द्वारा घटना के छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है। लूट के ट्रैक्टर का खरीददार मुरारी लाल शर्मा घटना के बाद से ही फरार चल रहा था। जिसकी तलाश में स्थानीय पुलिस द्वारा कई बार संभावित स्थानों पर दबिश दी गई। लंबे समय बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लगने पर माह अप्रैल 2024 को एसपी कोटा ग्रामीण द्वारा इस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया। यह गिरोह कई बार इस प्रकार की वारदातें कर चुका है। आरोपी के बारे में सूचना संकलन एवं इसकी गिरफ्तारी तक की संपूर्ण कार्रवाई में एजीटीएफ के एएसआई शैलेंद्र कुमार एवं कांस्टेबल बृजेश कुमार की विशेष भूमिका तथा हैड कांस्टेबल मदनलाल की तकनीकी भूमिका रही।