BREAKING NEWS

logo

विधानसभा के समक्ष सहायक पुलिस कर्मी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे


रांची, ।विधानसभा के समक्ष सहायक पुलिस कर्मी अपनी मांगों को लेकर को धरने पर बैठ गये हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। इस सत्र में हेमंत सोरेन विश्वास प्रस्ताव रखेंगे और विश्वास मत हासिल करेंगे। सत्र शुरू होने से पहले सहायक पुलिस कर्मी विधानसभा के परिसर में धरने पर बैठ गये हैं। पुलिस यूनिफॉर्म में होने के कारण धरने पर बैठे सहायक पुलिसकर्मियों को किसी ने परिसर में आने से नहीं रोका। धरने की सूचना मिलते ही ग्रामीण एसपी सुमित कुमार अग्रवाल पहुंचे और सहायक पुलिसकर्मियों को धरनास्थल पर लौटने को कहा। ग्रामीण एसपी ने सहायक पुलिसकर्मियों को कहा कि धरनास्थल पर लौटे, नहीं तो एफआईआर होगा। साथ ही कहा कि आपकी नौकरी पर खतरा होगा। मौके काफी संख्या में पुलिस बल की जवान तैनात किए गए है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही सिटी एसपी राज कुमार मेहता और सदर एसडीओ उत्कर्ष कुमार भी मौके पर पहुंचे हैं और धरने पर बैठे सहायक पुलिसकर्मियों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गत दो जुलाई से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मी धरने पर बैठे हैं।
2300 सहायक पुलिसकर्मी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं। बारिश होने के बाद भी सभी धरना स्थल पर डटे हुए हैं। विभिन्न जिलों से आये सहायक पुलिसकर्मियों ने अपने रहने के लिए टेंट भी बना लिया है। धरना के चौथे और पांचवें दिन यानी दो दिनों तक सहायक पुलिसकर्मियों ने काला बिल्ला लगा कर विरोध भी किया था। अब अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने से एक दिन पहले यानी एक जुलाई को सहायक पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर थे। इसी क्रम में चार जुलाई को सहायक पुलिसकर्मी राज भवन का घेराव करने जा रहे थे रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया था।
झारखंड सहायक पुलिस प्रदेश एसोसिएशन के सचिव विवेकानंद गुप्ता ने बताया कि 10 अगस्त को उनका अनुबंध समाप्त हो जायेगा। इसके बाद उनका अनुबंध रिनुवल होगा या नहीं, यह भी क्लियर नहीं है। सहायक पुलिसकर्मियों ने मानदेय बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि 2300 सहायक पुलिसकर्मी पिछले सात साल से मात्र 10 हजार रुपये के मानदेय पर नौकरी कर रहे हैं। इनमें से कई सहायक पुलिसकर्मियों की दूसरी जगह पर नौकरी करने की उम्र भी समाप्त हो गयी है। इससे सहायक पुलिसकर्मी आक्रोशित है। नक्सलियों के संबंध में सूचना देने के लिए सहायक पुलिसकर्मियों की बहाली की गयी थी, लेकिन उनसे पुलिस का सारा काम जैसे विधि-व्यवस्था, ट्रैफिक, थाना ड्यूटी, चुनाव ड्यूटी आदि में लगाया जाने लगा। सहायक पुलिसकर्मियों की बहाली राज्य के 12 जिला गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, दुमका एवं गिरिडीह में हुई थी। वर्तमान में हर जिला में सहायक पुलिसकर्मी कार्यरत हैं।