रांची, 02 जून (हि.स.)। झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि तेलंगाना राज्य का गठन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो एक लंबे जन आंदोलन और क्षेत्रीय आकांक्षाओं का प्रतीक रहा है। राज्यपाल सोमवार को राज भवन में आयोजित तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने तेलंगाना राज्य के सभी नागरिकों एवं झारखंड में रह रहे तेलंगाना मूल के लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है और 'विविधता में एकता' की भावना सबसे बड़ी शक्ति है। इसी भावना को सशक्त करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जरिये ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ जैसी दूरदर्शी पहल की गई, जो राज्यों के बीच आपसी समझ, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करती हराज्यपाल ने कहा कि तेलंगाना राज्य ने कृषि, उद्योग, शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं। उन्होंने बथुकम्मा, बोनालू जैसे लोक पर्वों और चारमीनार, रामप्पा मंदिर जैसी धरोहरों का उल्लेख करते हुए तेलंगाना की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख किया।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि झारखंड में रहने वाले अनेक तेलंगाना निवासी यहां के विकास में विविध क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जो भारत की साझी संस्कृति और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे कर्तव्यनिष्ठा, समर्पण और सेवा-भाव से कार्य करें, ताकि न केवल राज्य, बल्कि राष्ट्र की उत्तरोत्तर उन्नति हो सके।
राज्यपाल के अपर सचिव एके सत्यजीत ने इस मौके कहा कि राज भवन में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के तहत सभी राज्यों का स्थापना दिवस मनाया जाता है। सभी को एक-दूसरे की संस्कृति समझने का अवसर प्राप्त होता है।
तेलंगाना राज्य का गठन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय : राज्यपाल
