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न्यूज क्लिक संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की रिहाई का आदेश देकर सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को अवैध करार दिया






नई दिल्ली,  सुप्रीम कोर्ट ने न्यूज क्लिक संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का आदेश दिया।



कोर्ट ने इस तथ्य पर गौर किया कि प्रबीर पुरकायस्थ की हिरासत लेते वक्त उनके वकील को हिरासत की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार करते वक्त गिरफ्तारी की लिखित वजह भी नहीं बताई गई।

कोर्ट ने 30 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रबीर को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने की जल्दबाजी और उनके वकील को सूचित नहीं करने पर दिल्ली पुलिस पर सवाल किया था। कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया था कि प्रबीर के वकील को हिरासत की अर्जी नहीं दी गई और हिरासत का आदेश दे दिया गया।



दरअसल सुनवाई के दौरान प्रबीर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि प्रबीर को 3 अक्टूबर 2023 की शाम को गिरफ्तार किया गया जबकि उन्हें 4 अक्टूबर की सुबह 6 बजे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर दिया गया। सिब्बल ने कहा था कि प्रबीर को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किये जाने के वक्त उनके वकील को सूचित नहीं किया गया। सिब्बल ने कहा था कि पेशी के समय दिल्ली पुलिस की ओर से वकील पेश थे लेकिन प्रबीर की तरफ से कोई नहीं पेश हुआ। जब प्रबीर ने इसका विरोध किया तो उनके वकील को फोन किया गया और हिरासत की अर्जी व्हाट्सऐप के जरिये 7 बजकर 7 मिनट पर सुबह भेजा गया। कुछ देर बाद प्रबीर के वकील ने हिरासत की अर्जी का विरोध किया लेकिन मजिस्ट्रेट ने सुबह छह बजे ही हिरासत में भेजने का आदेश जारी कर दिया।

सुनवाई के दौरान जब दिल्ली पुलिस की ओर से एएसजी एसवी राजू से जस्टिस संदीप मेहता ने पूछा था कि प्रबीर के वकील को सूचित क्यों नहीं किया गया। पहले आप इसका जवाब दीजिए। आपको सुबह छह बजे पेश करने की क्या हड़बड़ी थी। आपके पास पूरा दिन बचा हुआ था। जस्टिस बीआर गवई ने भी कहा था कि नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के मुताबिक जब हिरासत का आदेश पारित किया जा रहा था उस समय प्रबीर के वकील की मौजूदगी भी होनी चाहिए थी। आप 10 बजे या 11 बजे पेश कर सकते थे।



इस मामले में अमित चक्रवर्ती सरकारी गवाह बन चुके हैं। पटियाला हाउस कोर्ट अमित चक्रवर्ती को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अक्टूबर 2023 को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। 13 अक्टूबर 2023 को दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिका निराधार है।



प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। दोनों को न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपी थी कि न्यूज क्लिक को चीनी प्रोपेगेंडा बढ़ाने के लिए पैसे मिले हैं। खबर के मुताबिक अमेरिकी मिलियनेर नेविली रॉय सिंघम ने न्यूज क्लिक को चीनी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देने के लिए धन दिए। 3 अक्टूबर 2023 को इस मामले में कई पत्रकारों, यूट्यूबर्स और कार्टूनिस्ट के यहां छापा डाला गया था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था।