अररिया, अररिया जिला के छह विधानसभा क्षेत्र में द्वितीय चरण के तहत आगामी 11 नवंबर को मतदान होगा।नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद चुनावी अखाड़े में राजनीतिक दल के कार्यकर्ता समेत प्रत्याशी उतर चुके हैं और लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं।
मतदाताओं के घर घर जाकर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है।वहीं रूठे कार्यकर्ताओं को ऐन केन प्रकारेण मनाने का दौर भी जारी है।इन सबके बीच चुनाव प्रचार में जाति,धर्म,मजहब,ऊंच नीच,हिन्दू मुसलमान की दीवारें भी टूट रही है।चुनाव प्रचार के दौरान इन दिनों हिन्दू समुदाय कई पूर्व हो रहे हैं।दीपावली,काली,पूजा,चित्रगुप्त पूजा,गोवर्धन पूजा से लेकर लोक आस्था का महापर्व छठ भी है।
आस्था के इस समंदर में न केवल हिन्दू समुदाय के लोग बल्कि मुस्लिम समुदाय से प्रत्याशी बने उम्मीदवार भी पर्व की बधाई के बहाने घर घर पहुंचकर मतदाताओं के नब्ज को टटोलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।प्रत्याशी हिन्दू के पूजा पाठ में भी शामिल हो रहे हैं तो मुस्लिमों के इबादत और जनाजे में भी शामिल होकर कब्र पर मिट्टी डालने का काम कर रहे हैं और चुनाव प्रचार के बहाने फिजा में सम्प्रदायिक सौहार्द्र की एक अलग ही मिठास घोल रही है।
जोकीहाट के जन सुराज के प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन के पुत्र सरफराज आलम ने नामांकन के बाद ऐतिहासिक अति प्राचीन मां खड़गेश्वरी काली मंदिर में जाकर आशीर्वाद लिया और चुनाव प्रचार प्रारंभ किया। मां काली की साधक नानू दा से उन्होंने आशीर्वाद प्राप्त किया।
अररिया के जदयू के प्रत्याशी शगुफ्ता अजीम बीती रात अलग अलग मां काली के पूजा पंडाल में घूमने के साथ नाट्य कला परिषद की ओर से आयोजित नाटक कार्यक्रम में एनडीए के स्थानीय नेताओं के साथ शिरकत की। फारबिसगंज के कांग्रेस प्रत्याशी मनोज विश्वास ने किरकिचिया मदरसा में नमाज अदायगी के बाद अपने समर्थकों के साथ बैठक की।
फारबिसगंज के भाजपा विधायक विद्यासागर केशरी उर्फ मंचन केशरी भी मझुआ, अमहारा,खैरखा,घोड़ाघाट,रमई आदि इलाकों में सभी वर्गों के साथ जनसंपर्क में जुटे हैं।कमोबेश नरपतगंज में भाजपा प्रत्याशी देवयंती यादव,जन सुराज के प्रत्याशी जनार्दन यादव,राजद प्रत्याशी मनीष यादव,अनिल यादव भी पूजा पंडालों और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भागीदारी के साथ हिन्दू मुस्लिम सभी बस्ती में जाकर जनसंपर्क में जुटे हैं।
अररिया जदयू प्रत्याशी शगुफ्ता अजीम ने कहा कि अररिया की पहचान गंगा जमुनी तहजीब की धरती रही है।जहां हरेक समुदाय आपस में मिलजुलकर एक दूसरे के दुख सुख और पूर्व त्यौहार में भागीदारी निभाते रहे हैं।सीमांचल की पहचान तो राम बिना रमजान अधूरा और अली बिना दिवाली का रहा है।
जाति धर्म मजहब के नाम पर सियासत करने वाले सियासतदान भी वोट की आस में एक दूसरे से संपर्क कर वोट की अपील कर रहे हैं।जिले के लगभग सभी विधानसभा में चुनावी दंगल में ताल ठोके प्रत्याशी जाति,धर्म और मजहब की दीवारों को तोड़ रहे हैं और सामाजिक संरचना को फिलहाल बरकरार रखे हुए है।
विधानसभा चुनाव प्रचार में प्रत्याशी तोड़ रहे हैं जाति,धर्म और मजहब की दीवार
