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बजट में नई कर व्‍यवस्‍था को आकर्षक बनाने का ऐलान, टैक्‍सपेयर्स को 17,500 रुपये तक का होगा फायदा


नई दिल्‍ली, । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 में नई कर व्यवस्था को और आकर्षक बनाने का ऐलान किया। उन्हाेंने संसद में बजट पेश करते हुए नई कर व्यवस्था को चुनने वाले वेतनभोगी वर्ग और पेंशनभोगियों को कर राहत प्रदान करने के लिए कई आकर्षक लाभों की घोषणा की। इससे करीब 4 करोड़ वेतनभोगी व्यक्तियों और पेंशनभोगियों को फायदा मिलेगा। सीतारमण ने 'आयकर अधिनियम 1961' की व्यापक समीक्षा करने का ऐलान किया है।

सीतारमण ने चालू वित्‍त वर्ष 2024-25 के बजट में वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये करने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा नई कर व्यवस्था के तहत पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। इन दोनों बदलावों से टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपये तक का फायदा मिलेगा। हालांकि, वित्‍त मंत्री ने पुरानी कर व्‍यवस्‍था में कोई बदलाव नहीं किया है।

सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में नई कर व्यवस्था में कर दर संरचना (टैक्‍स स्‍लैब) को संशोधित करने का प्रस्ताव किया, जो इस प्रकार है:-

नई कर व्यवस्था के तहत 0 से 3 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स शून्य , 3 से 7 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी, 7 से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 10 फीसदी, 10 से 12 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये तक की इनकम पर 20 फीसदी और 15 लाख से अधिक की इनकम पर 30 फीसदी की दर से अब टैक्‍स लगेगा। उन्हाेंने आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा करने का ऐलान किया गया है। इससे टैक्स संबंधी विवाद और मुकदमेबाजी कम होगी, जिसे 6 महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है।

इनकम टैक्‍स एक्‍सपर्ट अमित रंजन ने हिन्‍दुस्‍थान समाचार से बातचीत में कहा कि वित्‍त मंत्री का नई कर व्यवस्था को आकर्षक बनाने की घोषणा करना और पुरानी कर व्‍यवस्‍था में कोई बदलाव नहीं करने का मकसद पुरानी व्‍यवस्‍था को धीरे-धीरे खत्‍म करना है। अमित रंजन ने कहा कि नई कर व्‍यवस्‍था में मानक कटौती 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये करने की घोषणा की गई है। इस कटौती से वेतनभोगी कर्मचारी 17,500 रुपये तक की बचत कर सकेंगे। नई कर व्‍यस्‍था के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपये की इनकम पर 5 फीसदी के हिसाब से टैक्स देना होगा, जो पहले 6 लाख रुपये तक था।