नई
दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी कोल इंडिया
लिमिटेड (सीआईएल) की स्थापना के 50 वर्ष पूरे हो गए। सीआईएल इस उपलक्ष्य
में 3 नवंबर को कोलकाता में कार्यक्रम का आयोजन करेगी, जिसमें मुख्य अतिथि
के रूप में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी और कोयला सचिव
विक्रम देव दत्त शामिल होंगे।
कोयला मंत्रालय ने शनिवार को जारी
बयान में कहा कि सीआईएल ने अपनी स्थापना के 50वें वर्ष में कदम रखा है। इस
कंपनी ने वित्त वर्ष 1975-76 के दौरान 89 मिलियन टन (एमटी) से कोयला का
उत्पादन शुरू किया, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 773.6 मीट्रिक टन हो
गया। कोयला मंत्रालय के तहत महारत्न कंपनी ने 8.7 गुना की शानदार वृद्धि
दर्ज है।
मंत्रालय ने बताया कि देश में कोयला की जरूरतों को पूरा
करने और ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सीआईएल एक नवंबर, 2024 को
अपनी स्थापना के 50वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। सीआईएल एक नवंबर, 1975
को राष्ट्रीयकृत कोकिंग कोल (1971) और नॉन-कोकिंग खानों (1973) की शीर्ष
होल्डिंग कंपनी के रूप में अस्तित्व में आई थी।
कोयला मंत्रालय के
मुताबिक कोल इंडिया अपनी पूरी आपूर्ति का 80 फीसदी अत्यधिक प्रतिस्पर्धी
दरों पर कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को निर्देशित करने के साथ सीआईएल
नागरिकों को उचित मूल्य पर बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि राष्ट्रीयकरण के शुरुआती वर्षों में
सीआईएल के कर्मचारियों की कुल संख्या 6.75 लाख थी, जो अब करीब एक तिहाई
घटकर 2.25 लाख रह गई है। लेकिन इसके उत्पादन में उछाल आया है।
केंद्रीय
कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने कोल इंडिया को भेजे बधाई संदेश
में कहा कि सीआईएल अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश कर रही है, जिसमें कई
उपलब्धियां शामिल हैं। भारत में कोयले का उत्पादन अभी पूरी क्षमता तक नहीं
पहुंचा है। मंत्री ने कहा कि महंगे आयात से बचने के लिए स्वदेशी उत्पादन
बहुत जरूरी है। कोल इंडिया को भविष्य में लोगों के सामाजिक उत्तरदायित्व,
कल्याण और सुरक्षा को समान महत्व देते हुए उत्पादन को उच्च स्तर तक बढ़ाना
होगा।