नई
दिल्ली। कैप्टिव एवं वाणिज्यिक खदानों से कोयला
उत्पादन और प्रेषण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। निजी इस्तेमाल वाले
तथा वाणिज्यिक ब्लॉक से चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-नवंबर के दौरान
कोयला का उत्पादन 34.7 फीसदी बढ़कर 112.65 मीट्रिक टन हो गया है। पिछले
वित्त वर्ष की समान अवधि में कोयला उत्पादन 83.60 मीट्रिक टन रहा था।
कोयला
मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में बताया कि 30 नवंबर, 2024 तक, 1 अप्रैल
से 30 नवंबर, 2024 के बीच कैप्टिव और वाणिज्यिक कोल खदानों से कुल कोयला
उत्पादन 112.65 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी
अवधि में 83.60 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन हुआ था, जो 34.7 फीसदी की
पर्याप्त वृद्धि को दर्शाता है।
मंत्रालय के मुताबिक सिर्फ नवंबर
2024 में इन कोयला खदानों से कुल कोयला उत्पादन 16.743 मीट्रिक टन रहा,
जिसमें दैनिक औसत उत्पादन 0.558 मीट्रिक टन था, जो नवंबर 2023 में दैनिक
औसत 0.396 मीट्रिक टन की तुलना में 40.9 फीसदी की वृद्धि है। इसके अलावा 1
अप्रैल से 30 नवंबर, 2024 के बीच कैप्टिव और कमर्शियल खदानों से कुल प्रेषण
119.62 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में
89.32 मीट्रिक टन से 33.9 फीसदी अधिक है।
कोयला मंत्रालय के मुताबिक
कैप्टिव और कमर्शियल कोयला खदानों से कोयला प्रेषण में भी उल्लेखनीय
वृद्धि दर्ज हुई है। अकेले नवंबर 2024 में इन खदानों से कुल कोयला प्रेषण
16.109 मीट्रिक टन रहा, जिसमें दैनिक औसत प्रेषण 0.537 मीट्रिक टन था, जो
नवंबर 2023 में 0.421 मीट्रिक टन के दैनिक औसत की तुलना में 27.6 फीसदी की
वृद्धि है।
मंत्रालय ने कहा कि कोयला उत्पादन और आपूर्ति में वृद्धि
सरकार के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को दर्शाती है। कोयला मंत्रालय ने
कहा कि सरकार घरेलू ऊर्जा क्षमताओं को प्राथमिकता देकर और आयात निर्भरता
को कम कर पारदर्शी तथा अभिनव शासन के जरिये भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता,
बुनियादी ढांचे की वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को रणनीतिक रूप से
आगे बढ़ा रही है।