नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में
क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट के बाद घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के
उत्पादों डीजल, पेट्रोल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) के निर्यात पर
लगने वाले 30 महीने पुराने अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) को खत्म कर
दिया है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को राज्यसभा में
एक अधिसूचना पेश की, जिसमें यह जानकारी दी गई है। अधिसूचना के मुताबिक
सरकारी स्वामित्व वाले तेल और प्राकृतिक गैस निगम जैसी कंपनियों के
उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स खत्म कर दिया गया है। अब पेट्रोल और
डीजल का निर्यात करने वाली रिफाइनिंग कंपनियों को कोई विंडफॉल टैक्स नहीं
देना होगा। इसके साथ ही क्रूड प्रॉडक्ट्स पर लगाए जाने वाले विंडफॉल टैक्स
को भी हटा दिया गया है।
क्या है विंडफॉल विंडफॉल टैक्स
विंडफॉल
टैक्स, घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के उत्पादन पर एक विशेष कर है,
जिसे सरकार ने जुलाई 2022 में वैश्विक कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बाद
उत्पादकों की अप्रत्याशित लाभ से राजस्व प्राप्त करने के लिए लगाया था।
सरकार
ने तीन महीने पहले घरेलू स्तर पर उत्पादित क्रूड ऑयल निर्यात पर लगने
वाले विंडफॉल टैक्स को 2,100 रुपये प्रति मीट्रिक टन से घटाकर 1,850 रुपये
प्रति मीट्रिक टन किया था। ये बदलाव अंतिम बार 31 अगस्त से लागू हुआ था,
जिसका सरकार प्रत्येक 15 दिनों पर रिव्यू करती थी।
उल्लेखनीय है
कि केंद्र सरकार ने 1 जुलाई, 2022 को पहली बार घरेलू स्तर पर उत्पादित
कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगाया था। फिलहाल ऐसे कई देश हैं जो एनर्जी
कंपनियों को होने वाली मोटी कमाई पर टैक्स वसूलते हैं।