शिमला,। वन्यजीवों के अवैध शिकार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते
हुए वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने शिमला जिला के रामपुर क्षेत्र में
तीन शिकारियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी वन्य जीव गोरल का शिकार कर
उसे अपनी गाड़ी में ले जा रहे थे। पुलिस ने मौके पर ही वाहन को रोका और
तलाशी लेने पर गाड़ी के पिछले हिस्से से एक मृत गोरल और दो बंदूकें बरामद
कीं। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत तीनों आरोपियों के
खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
रात में जंगल में गूंजा था गोली का शोर, पुलिस और वन विभाग ने दबोचा
रामपुर
के देवठी बीट में वनरक्षक उषा देवी ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि
26 फरवरी की रात करीब 12:45 बजे उन्हें गुप्त सूचना मिली कि मुनीश जंगल
में गोली चलने की आवाज सुनाई दी है। इसके साथ ही वहां टॉर्च की रोशनी भी
देखी गई। शक होने पर उन्होंने अपने सहायक वनरक्षक ओमप्रकाश की मदद ली और
संदिग्ध गतिविधियों की जांच के लिए मौके पर पहुंचीं।
इसी दौरान
उन्होंने देखा कि एक वाहन तेज़ी से तकलेच की ओर जा रहा था। वनरक्षकों ने
तुरंत पुलिस को सूचना दी और वाहन का पीछा किया। जब तक वे तकलेच पहुंचे,
पुलिस पहले ही अस्पताल के पास एक वाहन (HP06-4763) को रोक चुकी थी। गाड़ी
में तीन लोग सवार थे जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
वाहन की तलाशी में मिला मरा हुआ गोरल और दो बंदूकें
पुलिस
ने जब वाहन की तलाशी ली तो गाड़ी के पिछले हिस्से में एक मृत गोरल पाया
गया, जिसके गले पर गोली का गहरा घाव था और खून बह रहा था। इसके अलावा वाहन
की पिछली सीट पर दो बंदूकें भी बरामद हुईं जिनमें से एक खुली थी और दूसरी
सीट के नीचे छिपाई गई थी।
तीन आरोपियों में मंजीत सिंह (पुत्र रणवीर
सिंह), निवासी नीरसू, शुभम (पुत्र सोहन सिंह), निवासी नोली और कलमजीत
(पुत्र भगत सिंह), निवासी नीरसू शामिल हैं।
पूछताछ में जब पुलिस ने
इनसे मृत गोरल और हथियारों के बारे में पूछा, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे
सके। उनके पास न ही शिकार की कोई अनुमति थी और न ही हथियारों को रखने का
कोई वैध दस्तावेज़। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया
और वाहन को जब्त कर लिया।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज
पुलिस
ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण
अधिनियम, 1972 की धारा 51 आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 27 और भारतीय न्याय
संहिता की धारा 3(5) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।