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सावरकर के विचार आज भी भारत में लागू होते हैं..", रणदीप हुड्डा ने जाहिर कीं अपनी भावनाएं






कम समय में बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाने वाली फिल्म ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर एंट्री कर रही है। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 28 मई को रिलीज होने का ऐलान एक्टर-डायरेक्टर रणदीप हुड्डा ने मुंबई में खुद किया है।

मुंबई में स्वतंत्रता सेनानी सावरकर मेमोरियल की ओर से रणदीप हुड्डा को सम्मानित किया गया। इस बार के भाषण में रणदीप ने सावरकर की फिल्म को लेकर अपना पक्ष रखा। रणदीप ने सावरकर की फिल्म बनाने के पीछे की प्रेरणा के बारे में बात की। रणदीप हुड्डा ने कहा, “मैं स्वातंत्र्यवीर सारावकर मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित होने के लिए आभारी हूं। मैं भी सावरकर के बारे में उतना नहीं जानता था, जितना जानना चाहिए था। जब मैंने उनके काम का अध्ययन करना शुरू किया, तो मुझे नहीं पता था कि मुझे अपना वजन कम करना होगा, काला पानी का अनुभव करना होगा।”



रणदीप हुड्डा ने फिल्म बनाने के लिए उनकी प्रेरणा पर जवाब दिया, “जब मैंने सावरकर पर यह फिल्म बनाने का अध्ययन किया, तो मुझे एहसास हुआ कि यह बलिदान की कहानी है। यह एक ही लक्ष्य के प्रति समर्पित संपूर्ण जीवन की कहानी है। उनका योगदान करोड़ों भारतीयों तक क्यों नहीं पहुंच सका? इसे क्यों छिपाया गया? तो उसी गुस्से में मैंने ये फिल्म बनाई। यह फिल्म उनके विचारों को लोगों तक पहुंचाने के लिए बनाई गई थी। वह न केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक महान लेखक-कवि, समाज सुधारक भी थे। सावरकर नए युग में वैज्ञानिक विचारों के अग्रदूत थे।”



इस दौरान रणदीप हुड्डा ने कहा, “सावरकर के विचार आज भारत में उतने ही प्रासंगिक हैं जितने किसी अन्य ऐतिहासिक व्यक्ति के विचार। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे उनके जीवन को बड़े पर्दे पर चित्रित करने का अवसर मिला। मुझे ख़ुशी है कि लोगों को फ़िल्म पसंद आयी।”



ओटीटी के लिए 28 मई क्यों?

इसी बीच 28 मई यानी मंगलवार को फिल्म स्वतंत्रता वीर सावरकर ओटीटी पर रिलीज हो रही है। इस तारीख को क्यों चुना गया, इस पर भी रणदीप ने कमेंट किया। मैंने इसके लिए बहुत संघर्ष करने के बाद यह तारीख ली। मैं चाहता था कि यह फिल्म उनके जन्मदिन पर ओटीटी पर रिलीज हो।”