नई
दिल्ली,। वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लांड्रिंग
मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने ईडी की गिरफ्तारी
को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। ईडी ने अमानतुल्लाह खान को 2 सितंबर
को गिरफ्तार किया था। अमानतुल्लाह खान फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
राऊज
एवेन्यू कोर्ट ने 9 सितंबर को अमानतुल्लाह खान को 23 सितंबर तक की न्यायिक
हिरासत में भेजा था। नौ सितंबर के पहले अमानतुल्लाह खान ईडी की हिरासत में
थे। ईडी के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों में
अमानतुल्लाह खान ही मुख्य आरोपित है। अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक
गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल
संपत्ति खरीदी है। छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले
हैं, जिनसे पता चलता है कि वो मनी लांड्रिंग के अपराध में लिप्त हैं।
ईडी
ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की थी। करीब पांच हजार पृष्ठ की चार्जशीट
में ईडी ने जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान
हैदर को आरोपित बनाया है। ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपित
बनाया है। ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपये की जमीन की
बिक्री से जुड़ा हुआ है। आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान के अज्ञात
स्रोतों से अर्जित संपत्ति से भूमि खरीदी और बेची गई। आरोपित कौसर इमाम
सिद्दीकी की डायरी में 8 करोड़ रुपये की एंट्री की गई है। जावेद इमाम को ये
संपत्ति सेल डीड के जरिए मिली। जावेद इमाम ने ये संपत्ति 13 करोड़ 40 लाख
में बेची। जीशान हैदर ने इसके लिए जावेद को नकद राशि दी।
सीबीआई ने
अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपितों के खिलाफ 23 नवंबर, 2016 को एफआईआर दर्ज
की है। जांच के बाद सीबीआई ने 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल की थी।
सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी
नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गईं। सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि
इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपितों के
साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया
था। चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह
खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया।