जयपुर,। राजस्थान में उपचुनाव के लिए सात विधानसभा सीटों पर
मतदान की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में देवली-उनियारा सीट से कांग्रेस के
बागी और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने आपा खोते हुए एसडीएम को थप्पड़
मार दिया। नरेश मीना वोटिंग के दौरान लगातार आयोग पर चुनाव चिह्न को लेकर
आरोप लगा रहे थे। उनका कहना था कि ईवीएम मशीन में उनका चुनाव चिन्ह को
हल्का दिखाई दे रहा है।
उपचुनाव में वोटिंग के दौरान निर्दलीय
प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी के थप्पड़ जड़ दिया। वे समरावता
(देवली-उनियारा) मतदान केंद्र में जबरन घुसने की कोशिश कर रहे थे। प्रशासन व
पुलिस के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनकी हाथापाई हो गई।
राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज नरेश मीना ने
देवली-उनियारा सीट से चुनावी रण में है। उन्होंने निर्दलीय ताल ठोकते हुए
कांग्रेस प्रत्याशी कस्तूर चंद मीना की राह कठिन कर दी है। निर्दलीय
प्रत्याशी नरेश मीना ने यहां की लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है। 2023 के
विधानसभा चुनाव में देवली-उनियारा सीट से विधायक चुने गए हरीश चंद्र मीना
के टोंक-सवाईमाधोपुर से सांसद बन जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। 2023
में हरीश चंद्र मीना ने भाजपा के विजय बैंसला को हराया था। 2023 के मुख्य
चुनाव में यहां 74.37 प्रतिशत मतदान हुआ था।
झुंझुनूं के कलां गांव
में फर्जी वोटिंग के विवाद में मारपीट हो गई। दावा किया जा रहा है कि
निर्दलीय कैंडिडेट राजेंद्र गुढ़ा के एजेंट ने दूसरे प्रत्याशी के फर्जी
वोटर को रोकने की कोशिश की तो दोनों में विवाद हो गया। मौके पर पहुंची
पोलिंग पार्टी ने स्थिति संभाली। इधर खींवसर के कुचेरा में मतदान के
दौरान एक बुजुर्ग कालूलाल घांची (68) को हार्टअटैक आ गया। बूथ पर मौजूद
पुलिस के जवान अर्जुनलाल ने सीपीआर देकर उनकी जान बचाई। वहीं,
देवली-उनियारा विधानसभा सीट के दो गांवों बीसलपुर व समरावता में ग्रामीणों
ने अलग-अलग मांगों के चलते मतदान का बहिष्कार किया है। इनमें देवली-उनियारा
सीट पर सबसे ज्यादा 3.02 लाख वोटर्स हैं। उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को
आएंगे। सातों सीटों पर हो रहे उपचुनाव में 69 कैंडिडेट मैदान में है।
उपचुनाव के नतीजे सरकार और विपक्ष दोनों के सियासी नरेटिव को तय करेगा।
पांच सीट खींवसर, सलूंबर,चौरासी, देवली-उनियारा और झुंझुनूं सीट पर कांटे
की टक्कर है। इन चुनावों में हनुमान बेनीवाल और किरोड़ीलाल मीणा जैसे
राजनीतिक दिग्गजों की भी सियासी प्रतिष्ठा दांव पर है। क्योंकि खींवसर से
हनुमान बेनीवाल की पत्नी और दौसा से किरोड़ीलाल के भाई चुनावी मैदान में
हैं।