जयपुर, । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में नवीन उद्यमों
को बढ़ावा मिलने से राजस्थान में रोजगार का सृजन और निवेश में वृद्धि हो रही
है। श्री शर्मा के निर्देशन में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग राज्य
में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईस्टार्ट कार्यक्रम संचालित कर रहा है।
इसके तहत आईस्टार्ट राजस्थान (एकीकृत स्टार्टअप प्लेटफॉर्म) के माध्यम से
प्रदेश में स्टार्टअप्स को सुविधाएं और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हरसंभव
सहायता प्रदान की जा रही है।
राज्य सरकार द्वारा आईस्टार्ट पोर्टल
प्लेटफॉर्म का संचालन और प्रबंधन किया जा रहा है, जिससे यह देश के बड़े
स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक बन गया है। इसके साथ 7100 से अधिक स्टार्टअप
जुड़े हुए हैं, जिन्हें 1 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश मिल चुका है,
जिससे प्रदेश में 42 हजार 500 से अधिक रोजगार सृजित हुए है। स्टार्टअप्स को
मान्यता, उन्नयन, कौशल विकास, प्रोत्साहन, फंडिंग आईस्टार्ट प्लेटफॉर्म से
मिल रही है। स्टार्टअप्स से संबंधित सभी जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध
कराने के लिए www.istart.rajasthan.gov.in पोर्टल बनाया गया है।
आईस्टार्ट
पोर्टल सभी प्रोत्साहनों के लिए वन-स्टॉप गेटवे के रूप में कार्य कर रहा
है। आईस्टार्ट कार्यक्रम के तहत सरकारी अधिकारियों, स्टार्टअप्स, मेंटर्स,
छात्रों, शिक्षकों, व्याख्याताओं, स्कूलों, प्रशासकों आदि के लिए पोर्टल पर
डैशबोर्ड बनाया गया है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्टअप्स को
विभिन्न सुविधाएं दी जा रही हैं।
क्यूरेट प्रोग्राम देश का एकमात्र
स्टार्टअप रेटिंग तंत्र है। इसमें स्टार्टअप्स का मूल्यांकन कर परीक्षण
किया जाता है और उन्हें वित्तीय सहायता और इनक्यूबेशन सुविधाएं प्रदान की
जाती हैं। इसके जरिए स्टार्टअप की निवेश क्षमता पर भी विस्तृत रिपोर्ट बनाई
जाती है और स्टार्टअप संस्थापकों को उनके उत्पाद, रणनीति, व्यावसायिक
योजनाओं और बाजार को बेहतर बनाने, कमियों व सीमाओं पर काम करने के लिए बूट
कैंप आयोजित किए जाते हैं।
इनक्यूबेशन प्रोग्राम से मुफ्त स्थान,
कनेक्टिविटी, कंप्यूटर हार्डवेयर, बुनियादी ढांचा, मेंटरशिप, बाजार से
संपर्क, वीसी और निवेशक संपर्क, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों व
विशेषज्ञों से संपर्क की सुविधा मिलती है। आईस्टार्ट नेस्ट निवेशकों और
सलाहकारों का नेटवर्क है, जो स्टार्टअप्स को आगे बढ़ने और नवाचारों को
विकसित करने में मदद करता है। इस प्रोग्राम के जयपुर में इनक्यूबेशन सेंटर,
टेक्नोहब और भरतपुर, उदयपुर, कोटा, जोधपुर, बीकानेर, पाली और चूरू में
आईस्टार्ट नेस्ट इनक्यूबेटर हैं। सभी इनक्यूबेशन सेंटरों (वर्चुअल
इनक्यूबेटर और आईस्टार्ट से जुड़े इनक्यूबेटर) में स्टार्टअप्स के लिए 2000
सीटें उपलब्ध कराई गई हैं। टेक्नो हब देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है,
इसमें 700 से ज्यादा स्टार्टअप्स के लिए स्थान है और 1 लाख 50 हजार वर्ग
फुट का इनक्यूबेशन स्पेस है। टेक्नो हब स्टार्टअप्स के लिए एक वन-स्टॉप
समाधान है। इनक्यूबेशन सेंटर की सुविधा संभाग स्तर पर भी उपलब्ध है।
राज्य
सरकार द्वारा स्टार्टअप को आइडिया व प्रोटोटाइप चरण में 2 लाख 40 हजार
रुपये तक की वित्तीय सहायता (महिला स्टार्टअप के लिए 3 लाख रुपये) दी जाती
है। इसी प्रकार, सीड चरण में 60 लाख रुपये तक और ऋण के रूप में 2 करोड़
रुपये तक वित्तीय सहायता और इक्विटी के रूप में 5 करोड़ रुपये तक की वित्तीय
सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त ई बाजार
पोर्टल सुविधा के तहत पंजीकृत स्टार्टअप्स को विभिन्न सरकारी विभागों
द्वारा 25 लाख रुपये तक के सीधे कार्यादेश दिए जा सकते हैं। अब तक विभिन्न
सरकारी विभागों द्वारा 30 करोड़ से अधिक के 168 कार्यादेश दिए जा चुके हैं।
राज्य
सरकार स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए
सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के माध्यम से और स्कूल शिक्षा विभाग के
सहयोग से 33 जिलों में 65 आई-स्टार्ट लॉन्चपैड नेस्ट संचालित कर रही है।
इन लॉन्चपैड नेस्ट के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों के छात्र उद्यमिता,
नवाचार, उभरती प्रौद्योगिकियों और प्रोटोटाइपिंग से संबंधित गतिविधियों के
लिए मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। इसी प्रकार, अटल नवाचार प्रोग्राम में
एवीजीसी-एक्सआर, कोडिंग, रोबोटिक्स और एग्रीटेक के अवसर शामिल होंगे।
जिससे प्रदेश में रचनात्मक अर्थव्यवस्था और कौशल विकास की दिशा में कार्य
होगा। इसमें जयपुर, उदयपुर, बीकानेर और भरतपुर जिले प्रमुख रूप से शामिल
किए गए हैं।
आईस्टार्ट कार्यक्रम को विस्तृत बनाकर राजस्थान के
विद्यालय के छात्रों में उद्यमिता और नवाचार की भावना को बढ़ावा देने के लिए
स्कूल स्टार्टअप प्रोग्राम की सुविधा विकसित की गई है। जिसके तहत अब तक 1
लाख 16 हजार से अधिक छात्रों ने आईस्टार्ट पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया
है। इन विद्यार्थियों को स्व-रोजगार और व्यावसायिकता की जानकारी प्रदान की
जाती है और मॉड्यूल पूरा करने पर प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र दिया जाता
है।
इसी प्रकार, ग्रामीण आईस्टार्ट प्रोग्राम शुरू कर राजस्थान के
ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्टअप इकोसिस्टम की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाया जा
रहा है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य राज्य के कृषि क्षेत्र और ग्रामीण विकास
में बदलाव लाना है। ग्रामीण आईस्टार्ट प्रोग्राम के तहत, अब तक कुल 800 से
अधिक ग्रामीण स्टार्टअप पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवा चुके हैं।
राजस्थान के स्टार्टअप्स को मिल रही फंडिंग, उन्नयन, कौशल विकास जैसी सुविधाएं
