नई
दिल्ली,। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
की अध्यक्षता वाली बेंच सोमवार (5 अगस्त) को दिल्ली नगर निगम में उप
राज्यपाल की ओर से पार्षद (एल्मडरमैन) मनोनीत करने के खिलाफ दिल्ली सरकार
की याचिका पर फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने 17 मई, 2023 को फैसला सुरक्षित रख
लिया था।
सुनवाई के दौरान उप राज्यपाल ने कहा था कि दिल्ली के
प्रशासनिक काम में उन्हें दिल्ली सरकार की सलाह-सहायता से काम करना होता है
लेकिन नगर निगम में पार्षदों का मनोनयन इस दायरे में नहीं आता है। सुनवाई
के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि उप राज्यपाल बिना मंत्रिमंडल की सलाह के कोई
फैसला कैसे कर सकते हैं। तब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि
केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली सरकार अधिनियम में 2019 में बदलाव के आधार पर
एल्डरमैन की नियुक्ति की गई है। अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि
पार्षद मनोनीत करना दिल्ली सरकार का अधिकार है, इसके बावजूद लोकतंत्र का
अपमान किया जा रहा है। पार्टी बहुमत से जीतकर सरकार में आती है, जिसे पलटने
की कोशिश हो रही है।
एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति मामले पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा
