कोलकाता, । दिल्ली के लाल किला मेट्रो के पास हुए भीषण विस्फोट
मामले में अब मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में पश्चिम बंगाल की नदिया जिला
जेल में बंद सबीर अहमद का नाम भी जुड़ता दिख रहा है। राष्ट्रीय जांच
एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि जेल में बंद रहते हुए वह किस तरह
देश विरोधी गतिविधियों में शामिल था।
कुछ दिन पहले दिल्ली में हुए
विस्फोट में 13 लोगों की मौत हुई थी। भारतीय जांच एजेंसियों के अनुसार इस
धमाके के पीछे आतंकी मॉड्यूल की सक्रिय भूमिका रही है। कई सोशल मीडिया
समूहों के माध्यम से यह नेटवर्क संचालित हो रहा था और इन समूहों का मुख्य
संचालक शाहिन साहिद था। इस मामले में गिरफ्तार शाहिन से पूछताछ में पता
चला कि इन्हीं समूहों में नदिया जिले के पलाशीपाड़ा निवासी जेल में बंद
सबीर अहमद भी सक्रिय था और वह कथित तौर पर भारत विरोधी प्रचार और
गतिविधियों के लिए अन्य सदस्यों को प्रोत्साहित करता था।
एसटीएफ ने
12 नवम्बर की रात पलाशीपाड़ा थाना पुलिस की मदद से सबीर के भाई फैज़ल अहमद
को बड़े नलदह इलाके से हिरासत में लिया था। पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर सकी कि
उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया है या नहीं। इसी कार्रवाई के बाद
सबीर के दिल्ली धमाके से संबंधों की खबर इलाके में फैल गई। हालांकि, सबीर
के परिवार ने सभी आरोपों को नकार दिया है। स्थानीय निवासी मिथुन शेख ने कहा
कि वे सबीर के किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने की बात पर विश्वास नहीं कर
पा रहे।
कृष्णनगर पुलिस जिला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण)
उत्तम घोष ने बताया कि एसटीएफ कुछ दिन पहले सबीर के भाई को पूछताछ के लिए
ले गई थी। हालांकि, आतंकी गतिविधियों में उसकी संलिप्तता के बारे में
उन्होंने फिलहाल कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि
जांच एजेंसियां अब इस बात की तह में जा रही हैं कि जेल में रहते हुए सबीर
कैसे सोशल ग्रुप्स के माध्यम से संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हुआ और
धमाके की साजिश में उसकी भूमिका कितनी गहरी है।
दिल्ली ब्लास्ट कांड में बंगाल के एक और संदिग्ध आतंकी का नाम जुड़ा, जेल से ही रची थी साजिश
