भोपाल,। इस वर्ष का अंतिम संपूर्णकालिक गुरु पुष्य योग 21
नवंबर, गुरुवार को रहेगा। इस दिन गुरुवार के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग
सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा, जिससे यह पूर्णकाल योग अत्यधिक फलदायी
माना जा रहा है। इस योग में रवि योग और अमृत सिद्धि योग का भी संयोग है, जो
इसे और भी उत्तम फलकारी बनाते हैं।
ज्योतिष मठ संस्थान, भोपाल के
ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम ने गुरुवार को बताया कि यह विशेष योग
स्थिरता प्रदान करने वाला है और इस दिन पीली धातु, पीले अनाज, पीले वस्त्र,
मांगलिक कार्यों के लिए वस्तुएं, धार्मिक सामग्री, पुस्तकें, साहित्य और
सामाजिक-धार्मिक कार्यों के लिए संकल्प जैसी चीजें खरीदना शुभ रहेगा। गुरु
पुष्य नक्षत्र का यह महा मुहूर्त विशेष रूप से खरीदारी में स्थिरता प्रदान
करेगा, जो विवाह और मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त माना गया है।
उन्होंने
बताया कि इस दिन के चार शुभ योग- गुरु पुष्य योग, रवि योग, अमृत सिद्धि
योग और शुभ योग, चार गुना फल प्रदान करेंगे। यह दिन भूमि, भवन, सोना, पीतल
की मूर्तियां, मंदिर, पूजा की सामग्री, और गृह प्रवेश व मांगलिक कार्यों
हेतु सामग्री की खरीदारी के लिए अत्यधिक लाभकारी रहेगा।