भोपाल,। केंद्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार के बीच
मंगलवार को पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना पर त्रि-पक्षीय अनुबंध
(एमओए) पर हस्ताक्षर हुए। इस परियोजना से मध्य प्रदेश के मालवा और चंबल
क्षेत्र के 12 जिलों के 3217 गांव लाभान्वित होंगे और इसका लगभग 40 लाख
लोगों को फायदा मिलेगा। प्रदेश के गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़,
उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना के किसानों को
सिंचाई के लिए भरपूर पानी और पेयजल की उपलब्धता हो सकेगी।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में राजस्थान के जयपुर में मंगलवार को
आयोजित कार्यक्रम में यह अनुबंध हुआ। कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति
मंत्री आरसी पाटिल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राजस्थान
के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मौजूद रहे। कार्यक्रम का प्रदेश के उन सभी 12
जिलों में लाइव प्रसारण भी हुआ, जो इस योजना से लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री
डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 20 साल पुराना
पानी का झगड़ा था। लंबे समय तक यह मामला उच्च न्यायालय- उच्चतम न्यायालय
में चला। प्रधानमंत्री मोदी ने पार्वती, कालीसिंध एवं चंबल नदी के
प्रतिरूपी कलश के जल को 'रामसेतु जल संकल्प कलश' में प्रवाहित किया। बीस
वर्षों से लंबित जल योजना की सौगात मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों को
आधुनिक भगीरथ की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आशीर्वाद मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश नदियों का मायका है। तीन नदियों को जोड़कर इस
योजना पर काम किया गया। कई कारणों से 20 साल निकल गए, जिनके हाथ में यश और
पुण्य होता है, उसी को लाभ मिलता है। उन्होंने इस योजना के लिए
प्रधानमंत्री मोदी को प्रदेश की जनता की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
मप्र
के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल
लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ है, जिसमें मध्य प्रदेश 35
हजार करोड़ और राजस्थान 37 हजार करोड़ रुपये व्यय करेगा। केन्द्र की इस योजना
में कुल लागत का 90 प्रतिशत केन्द्रांश और 10 प्रतिशत राज्यांश रहेगा।
परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी। साथ ही 172 मिलियन
घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिये आरक्षित रहेगा। परियोजना अंतर्गत 21
बांध/बैराज निर्मित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना से
चंबल और मालवा क्षेत्र की तस्वीर एवं तकदीर बदलेगी। सामाजिक और आर्थिक
क्षेत्र तरक्की होगी। इस परियोजना से प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र में 6
लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 40 लाख की आबादी को पेयजल
उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त लगभग 60 वर्ष पुरानी चंबल दाईं मुख्य नहर एवं
वितरण-तंत्र प्रणाली के आधुनिकीकरण कार्य से भिंड, मुरैना एवं श्योपुर जिले
में कृषकों की मांग अनुसार पानी उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना से प्रदेश
के गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर,
धार, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जिलों के 3217 ग्रामों को लाभ मिलेगा।
मंत्री
सिलावट ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना मध्य प्रदेश एवं
राजस्थान दोनो़ं राज्यों के किसानों और नागरिकों के लिए वरदान साबित होगी।
इससे किसानों को भरपूर सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और विकास के नये द्वार
खुलेंगे। परियोजना से दोनों राज्यों में समृद्धि आयेगी। परियोजना से मिलने
वाले जल से किसान अपनी उपज को दोगुना कर सकेंगे, जिससे उनके परिवार के साथ
प्रदेश भी समृद्ध होगा।--------------
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से मप्र के 3217 गांव हाेंगे लाभांवित, प्रधानमंत्री की मौजूदगी में जयपुर में हुआ त्रि-पक्षीय अनुबंध
