चंडीगढ़, हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले
मंत्री मूलचंद शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां
आवश्यकता है, शीघ्र डिपो खोले जाएं परंतु इस बात का भी ध्यान रखा जाये कि
डिपो आवंटन में किसी भी डिपो होल्डर का एकाधिकार न हो।
मूलचंद
शर्मा गुरुवार को विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग जनता से
जुड़ा एक अति महत्वपूर्ण विभाग है तथा इसकी साख को बनाये रखना सभी
अधिकारियों की जिम्मेवारी है। मुख्यालय के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि
पीओएस मशीनों की खरीद की निविदा प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो।
बैठक
में जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश में
2.92 लाख अंत्योदय अन्न योजना के राशन कार्ड तथा 43.33 लाख बीपीएल कार्ड
हैं। वर्तमान में प्रतिमाह 98 लाख मीट्रिक टन अनाज की आवश्यकता होती है,
जिसमें भारत सरकार 66,250 मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन करती है, शेष 31,000
मीट्रिक टन गेहूं राज्य सरकार अपने खर्चे पर वहन करती है। अधिनियम के तहत
अंत्योदय अन्न योजना परिवारों को 35 किलोग्राम गेहूं तथा बीपीएल परिवारों
को प्रति सदस्य 5 किलोग्राम गेहूं दिया जाता है। परिवार पहचान पत्र के तहत
सत्यापित 1 लाख 80 हजार रुपये की वार्षिक आय वाले परिवारों को राज्य सरकार
की अंत्योदय आहार योजना के तहत 2 लीटर सरसों का तेल भी दिया जाता है। राज्य
सरकार गेंहू पर 89 करोड़ रुपये, सरसों के तेल पर 95 करोड़ रुपये तथा चीनी
पर 11.13 करोड़ रुपये मासिक खर्च करती है।
बैठक में
अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2023 -24 खरीफ सीजऩ के दौरान हरियाणा ने
केंद्रीय भंडारण में 58.94 लाख मीट्रिक टन धान तथा रबी सीजऩ में 69.06 लाख
मीट्रिक टन गेंहू का योगदान दिया। वर्ष 2021 -22 से खाद्यान्नों की खरीद
न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर ई-खरीद पोर्टल से की जा रही है और पैसा सीधा
किसानों के खातों में भेजा जाता है। मंत्री ने निर्देश दिए कि मंडियों में
फसल खरीद का उठान समय पर सुनिश्चित किया जाये। बैठक में खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता
मिश्रा, निदेशक मुकुल कुमार सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।