मुंबई,। कोल्हापुर जिले में पंचगंगा नदी में आई बाढ़ से अब तक
दस हजार नागरिक प्रभावित हुए हैं। बड़ी संख्या में घर, दुकान, फसलों का
नुकसान हुआ है। पिछले दो दिनों से शहर में बारिश कम हो रही है लेकिन
पंचगंगा नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। कोल्हापुर के साथ ही सांगली और
यवतमाल जिले में बाढ़ की वजह से नागरिकों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
जिला प्रशासन ने आज से बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के लिए 33
टीमें नियुक्त की हैं। नगर निगम उपायुक्त पंडित पाटिल को नियंत्रण अधिकारी
के रूप में नियुक्त किया गया है। कोल्हापुर शहर में बाढ़ से अब तक करीब
10,000 नागरिक प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के डर से कई नागरिक अपने रिश्तेदारों
और दोस्तों के पास चले गए हैं। नगर निगम ने करीब एक हजार नागरिकों को
आश्रय केंद्रों में पहुंचाया है। जल भराव होने से नागरिकों के घरों के
साथ-साथ व्यापारियों, रेहड़ी-पटरी वालों को भारी नुकसान हुआ है।
शहर
के महावीर कॉलेज परिसर, वीनस कॉर्नर, शाहुपुरी, सुतारवाड़ा, सीता कॉलोनी,
सिद्धार्थ नगर, पंचगंगा तालीम, धनवाड़े मठ, दुधाली परिसर, सुतार माला,
जिवाला कॉलोनी, मुक्तसैनिक कॉलोनी, जाधववाड़ी, बापट कैंप, उल्पे माला,
कदमवाड़ी-जाधववाड़ी, लोनार कॉलोनी आदि इलाके में भारी मात्रा में बाढ़ का
पानी घुस गया है। इस जगह पर कई घरों और दुकानों को पानी की वजह से आर्थिक
नुकसान हुआ है। इन इलाकों में सर्वे कर दिया गया है। संभावना है कि तीन से
चार दिन में पूरा सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। राज्य सरकार के नियमानुसार देय
अनुदान अनुदान पंचनामा पूर्ण होने के तुरंत बाद दिया जाएगा।
कोल्हापुर जिले में पंचगंगा नदी की बाढ़ से अब तक दस हजार नागरिक प्रभावित
