लखनऊ, । गंगा और साईं नदियों के बीच बसा उन्नाव शहर अपनी प्राचीनता
के लिए जाना जाता है। उप्र की सियासत में उन्नाव शहर की अपनी विशिष्ट
पहचान है। इस धरा ने कई प्रसिद्व क्रांतिकारी और साहित्यकार देश को दिए
हैं। यह जिला चमड़े के उद्योग के लिए जाना जाता है। उप्र की संसदीय सीट
संख्या 33 उन्नाव में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा।
उन्नाव लोकसभा सीट का इतिहास
उन्नाव
लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोट डाले गए थे। इस सीट पर
कांग्रेस ने शुरुआती से लगातार 5 बार जीत हासिल की। पहले दो चुनाव में इस
सीट से दो सांसद चुने जाते थे। 1960 में यहां पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस
की लीलाधर अस्थाना विजयी हुईं। 1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल प्रत्याशी
राघवेन्द्र सिंह जीते। 1991 के चुनाव से यहां पहली बार भारतीय जनता पार्टी
(भाजपा) ने जीत हासिल की। भाजपा प्रत्याशी देवीबख्श सिंह ने साल 1991, 1996
और 1998 का चुनाव जीतकर जीत की हैट्रिक लगाई। साल 2009 आम चुनाव में
कांग्रेस के टिकट पर अन्नू टंडन सांसद बनीं। लेकिन साल 2014 आम चुनाव में
भाजपा के साक्षी महाराज सांसद चुने गए। साक्षी महाराज ने साल 2019 आम चुनाव
में भी जीत हासिल की। इस सीट पर सबसे ज्यादा बार कांग्रेस ने जीत हासिल की
है। कांग्रेस पार्टी को 8 बार जीत मिली है। जबकि भाजपा उम्मीदवार 5 बार
विजयी हुए हैं। इस सीट से जनता दल, सपा और बसपा 1-1 बार जीत हासिल कर चुके
हैं। भाजपा उम्मीदवार साक्षी महाराज के पास उन्नाव लोकसभा सीट पर जीत की
हैट्रिक बनाने का मौका है।
पिछले दो चुनावों का हाल
2019
के लोकसभा चुनाव में उन्नाव सीट भाजपा के स्वामी साक्षी महाराज ने जीत
दर्ज की। साक्षी महाराज को 703,507 (56.85%) वोट मिले थे। वहीं दूसरे स्थान
पर रहे सपा प्रत्याशी अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना महाराज को 302,551
(24.45%) वोट हासिल हुए। साक्षी महाराज ने 4 लाख 956 मतों के अंतर से बड़ी
जीत हासिल की। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अन्नू टंडन 15.00 फीसदी वोट
शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
2014 के चुनाव की बात
करें, तो इस चुनाव में भी भाजपा के स्वामी साक्षी महाराज विजयी रहे। साक्षी
महाराज को 518,834 (48.17%) वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर रहे सपा
प्रत्याशी अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना महाराज 208,661 (17.36%) वोट
प्राप्त हुए थे। बसपा प्रत्याशी ब्रजेश पाठक 16.66 फीसदी वोट के साथ तीसरे
और कांग्रेस की अन्नू टंडन 16.40 फीसदी वोट के साथ चौथी रही।
किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार
भाजपा
ने मौजूदा सांसद स्वामी साक्षी महाराज को मैदान में उतारा है। इंडिया
गठबंधन में ये सीट सपा के खाते में है। सपा ने अन्नू टन्डन और बसपा ने अशोक
कुमार पाण्डेय को टिकट दिया है।
उन्नाव सीट का जातीय समीकरण
उन्नाव
सीट में 23,34,196 वोटर हैं। उन्नाव लोकसभा सीट पर लोधी वोटर्स की अच्छी
खासी संख्या है। इसके अलावा इस सीट पर दलित वोटर्स निर्णायक भूमिका में
हैं। इस सीट पर 30.5 फीसदी वोटर अनुसूचित जाति के वोटर हैं। जबकि मुस्लिम
वोटर्स की संख्या 11.7 फीसदी है।
विधानसभा सीटों का हाल
उन्नाव
लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें बांगरमऊ, सफीपुर,
मोहन, उन्नाव, भगवंतनगर और पूर्वा सीटें शामिल हैं। सभी सीटों पर भाजपा
काबिज है।
जीत का गणित और चुनौतियां
लोधी मतदाताओं
की बहुलता वाली इस संसदीय सीट पर भाजपा ने दो चुनाव लगातार जीते हैं। ऐसे
में उसका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। कांग्रेस से गठबंधन के बाद वोटों के
बिखराव की चिंता से सपा फिलहाल खुद को मुक्त पा रही है। पाल समाज से सपा
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पाल मतदाताओं में खुद को मजबूत स्थिति में
पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। इधर राष्ट्रवाद, राम मंदिर और सरकारी
योजनाओं के अलावा उम्मीदवार के सजातीय वोट बैंक का भाजपा को साथ मिलने का
दावा किया जा रहा है। वहीं, बसपा ने अशोक पांडेय पर दांव लगाने के साथ ही
लगातार चौथी बार अपने काडर के साथ ब्राह्मण फैक्टर का दांव आजमाया है।
राजनीतिक
विशलेषक राघवेन्द्र मिश्र के अनुसार, पिछले चुनाव में बसपा-सपा गठबंधन के
बावजूद सपा प्रत्याशी चार लाख से ज्यादा वोटों से हार गया था। इस बार
सपा-कांग्रेस का गठबंधन है, बसपा अकेले मैदान में है। बिखरे विपक्ष की वजह
से यहां भाजपा की राह आसान दिखती है।
लोस चुनाव : उन्नाव में हैट्रिक लगाकर भाजपा रचेगी इतिहास या विपक्ष पड़ेगा भारी!
