कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को संसद में केंद्रीय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत 25
लाख "फर्जी जॉब कार्ड" मिटाए जाने के दावे को खारिज कर दिया। पार्टी ने
अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट किए गए बयान में कहा
कि यह दावा झूठा है और केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल को निशाना बना रही है।
तृणमूल
कांग्रेस ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के पहले के
एक जवाब का हवाला देते हुए कहा कि 2021-22 और 2022-23 के दो वित्तीय
वर्षों में केवल 5,651 फर्जी जॉब कार्ड हटाए गए थे। तृणमूल ने यह भी दावा
किया कि इस मामले में पश्चिम बंगाल का आंकड़ा उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मध्य
प्रदेश और बिहार की तुलना में बहुत कम है।
तृणमूल कांग्रेस के
मंगलवार की रात एक बयान में पूछा गया कि तो फिर बंगाल को ही निशाना क्यों
बनाया जा रहा है? बंगाल का मनरेगा फंड क्यों रोका गया, जबकि अन्य राज्यों
को अब भी पैसा मिल रहा है? भाजपा गरीबों को भुखमरी की कगार पर धकेल रही है,
आजीविका को तबाह कर रही है और अपने आर्थिक नाकेबंदी को सही ठहराने के लिए
झूठ फैला रही है।
तृणमूल ने आयुष्मान भारत योजना पर भी केंद्र सरकार
को घेरा। पार्टी ने कहा कि केंद्र की इस स्वास्थ्य बीमा योजना में इतने
सख्त नियम हैं कि लाखों लोग इसका लाभ लेने से वंचित हो जाते हैं। इसके
विपरीत, पश्चिम बंगाल सरकार की अपनी स्वास्थ्य योजना राज्य के 2.45 करोड़
परिवारों को पूर्ण कवरेज देती है।
इसके अलावा, तृणमूल कांग्रेस ने
केंद्र की जल जीवन मिशन योजना को भी पूरी तरह असफल करार दिया। पार्टी ने
आरोप लगाया कि इस योजना के लिए 70 हजार 162 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया
था, लेकिन सिर्फ 21 हजार 544 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए। तृणमूल ने दावा
किया कि इस मामले में मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा और आंध्र प्रदेश सबसे
ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
तृणमूल ने निर्मला सीतारमण के दावे को बताया गलत, कहा— बंगाल को टारगेट किया जा रहा है
