वाराणसी। फाल्गुन मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी महाशिवरात्रि पर्व
(26
फरवरी) पर शिव-पार्वती विवाह के पूर्व काशी नगरी अपने आराध्य के भक्ति में
डूब वैवाहिक परम्पराओं को निभाने में जुट गई है। सोमवार को श्री काशी
विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत स्मृतिशेष डॉ कुलपति तिवारी के टेढ़ीनीम
स्थित आवास पर महादेव के विवाह का लोकाचार शुरू हो गया। पूर्व महंत के
पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी की देखरेख में बाबा विश्वनाथ की चल रजत प्रतिमा
का ब्रह्म मुहूर्त में 11 वैदिक ब्राह्मणों ने विशेष पूजन किया। दोपहर में
भोग आरती के बाद बाबा की चल प्रतिमा का खास राजसी श्रृंगार किया जायगा।
महंत
पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया कि महंत आवास पर शाम को बाबा के रजत विग्रह
के समक्ष हल्दी तेल का लोकाचार की परम्परा निभाई जाएगी। इसमें
काशीवासियों के साथ ही कुंभ से लौटे साधु सन्यासी भी शामिल होगे। महंत आवास
में संध्या बेला में शिव के विग्रह को हल्दी लगाई जाएगी। इसके पूर्व बसंत
पंचमी पर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ की प्रतिमा के समक्ष तिलकोत्सव की परंपरा
का निर्वाह किया गया था। हल्दी की रस्म के लिए गवनहिरयों की टोली महंत आवास
पर जुट गई है। आवास पर मंगल गीतों का गान के बीच बाबा को हल्दी लगाई
जाएगी। यह रस्म पूर्व महंत कुलपति तिवारी के गोलोकवास होने के बाद पहली बार
उनकी पत्नी मोहिनी देवी के सानिध्य में वंश परंपरानुसार उनके पुत्र खुद
पं. वाचस्पति तिवारी निभायेंगे। ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच
शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना के गीत सुबह से महिलाएं गा रही है।
हल्दी के पारंपरिक शिव गीतों में दुल्हे की खूबियों का बखान कर शिवांजलि
प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं इन्हीं गीतों के जरिये भूतभावन महादेव को दूल्हन
का ख्याल रखने की ताकीद भी दी जाएगी। सायंकाल सांस्कृतिक कार्यक्रम
"शिवांजलि" में कलाकार भजनों की प्रस्तुति करेंगे।महाशिवरात्रि की महानिशा
के चारों प्रहर में महंत परिवार द्वारा की जाने वाली बाबा विश्वनाथ की
आरती के विधान पूर्ण करने की तैयारी कर ली गई है। महंत परिवार के सदस्यों
के मार्गदर्शन में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के विवाह का कर्मकांड
पूर्ण परंपरानुसार पूर्ण किया जाएगा।
महाशिवरात्रि : बाबा विश्वनाथ के रजत विग्रह को हल्दी लगाकर पारंपरिक लोक उत्सव शुरू — मेवाड़ से आयी हल्दी,मंदिर के पूर्व महंत के टेढ़ीनीम आवास पर मांगलिक कार्यक्रम,चल प्रतिमा का 11 वैदिक ब्रह्मणों ने किया पूजन
