हमीरपुर,। कानपुर-कबरई नेशनल हाइवे के समानांतरण फोरलेन का
निर्माण फिर लटक गया है। अगले साल तक फोरलेन बनाने की तैयारी को बड़ा झटका
लगने से अब इस खूनी हाइवे से ही आम लोग सफर करने को मजबूर होंगे। फोरलेन का
काम खटाई में पड़ जाने को लेकर अब लोग यहीं कह रहे है कि बुंदेलखंड में
सीटें हारने के कारण भाजपा के एजेंडे से फोरलेन गायब हो गया है।
कानपुर
नगर के नौबस्ता से कबरई नेशनल हाइवे के समानांतरण 112 किमी लम्बे फोरलेन
बनाने के लिए एनएचएआई ने तीन हजार सात सौ करोड़ रुपये का प्लान बनाकर
केन्द्र सरकार को भेजा था। लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग
प्राधिकरण (एनएचएआई) ने समानांतरण फोरलेन हाइवे को लेकर सर्वे भी कराया
था। पिछले साल केन्द्रीय भूतत्व एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने
कानपुर में निर्माणाधीन रिंग रोड के शिलान्यास के दौरान रमईपुर-कबरई फोरलेन
के निर्माण को लेकर शिलान्यास भी किया था। इसके शिलान्यास से बुंदेलखंड के
कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा के लोगों को बड़ी खुशी हुई थी। यह
फोरलेन चारों जिलों के 96 गांवों से होकर निकलना था। फोरलेन के लिए जगह भी
चिन्हित की गई थी।
भूमि अधिग्रहण की मंजूरी केलिए समिति की छह माह
पहले बैठक भी हुई थी जिसमें अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र
सरकार को भेजा गया था। यहां के आम लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि केन्द्र सरकार
तीसरी कार्यकाल में इस फोरलेन का निर्माण कराएगी लेकिन लोगों की उम्मीदों
पर पानी फेर गया है। फोरलेन न बनने से अब यहां के लोग रमईपुर, नौबस्ता,
घाटमपुर, हमीरपुर, सुमेरपुर और कब$ई तक आए दिन जाम की समस्या से लोग
जूझेंगे।
पूरक बजट में समानांतरण फोरलेन हाइवे को ही नहीं मिला धेला
हाल
में ही लोकसभा में पेश हुए पूरक बजट में वित्त मंत्री ने कानपुर-कबरई
नेशनल हाइवे के समानांतरण नया फोरलेन के निर्माण का कोई जिक्र नहीं किया।
और न ही किसी तरह का कोई बजट दिया गया है। इससे फोरलेन का निर्माण खटाई में
पड़ गया है। हमीरपुर और महोबा के लोगों को उम्मीद थी कि यह फोरलेन 2025 में
बनने लगेगा और जल्द ही लोग इससे फर्राटा भरेंगे लेकिन पूरक बजट में
निर्माणाधीन फोरलेन के लिए एक धेला न मिलने के कारण आम लोगों का सपना चूर
हो गया है।
बुंदेलखंड में सीटे हारने के बाद फोरलेन भाजपा के एजेंडे से गायब
फोरलेन
का निर्माण अब लटक जाने से लोगों को खूनी हाइवे से ही कानपुर कबरई के बीच
सफर तय करना होगा। इस हाइवे में लोग आए दिन जान से हाथ धो रहे है। पिछले एक
दशक में ही कानपुर-कबरई नेशनल हाइवे की टू लेन सड़क में ही सैकड़ों लोगों की
जानें जा चुकी है। लोकसभा चुनाव में भाजपा नेताओं ने इस फोरलेन का जिक्र
सोशल मीडिया में जोरशोर से किया था लेकिन जैसे ही बुंदेलखंड क्षेत्र में
हार का स्वाद चखना पड़ा तो यह फोरलेन भाजपा के एजेंडे से ही गायब हो गया है।
हमीरपुर में बाईपास फोरलेन पुलों से हाइवे निकालने को बनेगा प्लान
सेतु
निगम हमीरपुर के अभियंता पंकज कुमार ने बताया कि हमीरपुर के सिटी फारेस्ट
के पास यमुना और बेतवा नदियों में बाइपास फोरलेन पुल बनाए जा रहे है। कुछ
दिन पहले एनएचएआई लखनऊ की टीम ने यहां आकर बाईपास फोरलेन पुलों का स्थलीय
निरीक्षण कर अभिलेख मांगे थे जो दे दिए गए है। बताया कि एनएचएआई ने अब
कानपुर-कबरई फोरलेन इसी बाईपास फोरलेन पुलों से ही निकालेगा। इसके लिए नया
प्लान तैयार कर केन्द्र को भेजने की एनएचएआई की तैयारी है।