झांसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के
निर्देश पर झांसी नगर निगम द्वारा तैयार किया गया गौ पर्यटन केंद्र
विद्यार्थियों और आगंतुकों को आकर्षित कर रहा है। नगर निगम झांसी ने बिजौली
में स्थित कान्हा उपवन गौवंश आश्रय स्थल को गौ पर्यटन केंद्र के रूप में
विकसित किया है। नई पीढ़ी को गौवंश आधारित प्राचीन भारतीय सामाजिक और कृषि
व्यवस्था के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से कान्हा उपवन में गौ
परिक्रमा पथ बनाया गया है।
बिजौली स्थित नगर निगम के कान्हा उपवन
में 825 निराश्रित गौवंश संरक्षित किये गए हैं। निराश्रित गौवंशों के
संरक्षण के साथ ही यहां नस्ल सुधार और गोबर से गौकाष्ठ बनाने समेत कई अभिनव
प्रयोग किए जा रहे हैं। नई पहल करते हुए नगर निगम ने कुछ महीने पूर्व
गौवंश संरक्षण के प्रति जागरूकता के मकसद से वैदिक काल के गौवंश आधारित
परिवेश को दर्शाने का प्रयास किया है। आगंतुकों और विद्यार्थियों को
बैलगाड़ी की सवारी कराकर गौ परिक्रमा पथ पर बैल कोल्हू, रहट, खेतों में बैल
से जुताई आदि कार्यों का यहां जीवंत प्रदर्शन किया जाता है। गौ परिक्रमा पथ
पर स्थानीय नस्ल की गौवंशों के अतिरिक्त गिर, साहीवाल और हरियाणा नस्ल के
गोवंश भी देखने को मिलते हैं। गौवंशों के नस्लों की विशेषता बताने वाले
साइनेज लगाए हैं।
नगर निगम झांसी के पशु चिकित्सा एवं कल्याण
अधिकारी डॉ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि गौ पर्यटन केंद्र स्कूली
विद्यार्थियों को विशेष रूप से प्रभावित कर रहा है। निरंतर स्कूली बच्चे
यहां आकर गौवंशों के बारे में और उनकी उपयोगिता के बारे में जानकारी हासिल
कर रहे हैं। अन्य लोग भी यहां गौ पर्यटन केंद्र को देखने के लिए आते हैं।
यहां का वातावरण और गौ संरक्षण के प्रति जागरूकता की यह पहल लोगों को
आकर्षित करती है।
ननि झांसी के कान्हा उपवन का गौ पर्यटन बना है आकर्षण का केंद्र गौ परिक्रमा पथ व वैदिक काल के गौ आधारित मॉडल को सजीव देख आगंतुक और विद्यार्थी हो रहे प्रभावित
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