कोलकाता। आर.जी. कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े
मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए जल्द सुनवाई पूरी करने
का निर्देश दिया है। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व
प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ दायर याचिका पर चर्चा हुई। हालांकि, केंद्रीय
जांच ब्यूरो (सीबीआई) सभी आवश्यक दस्तावेज पेश नहीं कर सकी, जिसके कारण
सुनवाई 18 फरवरी तक के लिए टाल दी गई।
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति
जयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति गौरांग कांत की पीठ ने कहा कि इस तरह के
भ्रष्टाचार का प्रशासन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह न केवल स्वास्थ्य
सेवाओं को प्रभावित करता है, बल्कि पूरे प्रशासन तंत्र को भी दूषित करता
है। इसलिए, इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई और निपटान जरूरी है।
मामले
की सुनवाई के दौरान संदीप घोष के वकीलों ने अदालत को बताया कि सीबीआई ने
अब तक कुल 462 दस्तावेजों में से केवल 216 ही उन्हें उपलब्ध कराए हैं। इस
पर कोर्ट ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया कि वह शेष दस्तावेज 12 फरवरी तक
सौंप दे, ताकि अगली सुनवाई 18 फरवरी को हो सके।
अदालत ने कहा कि
संदीप घोष के खिलाफ लगे आरोप बेहद गंभीर हैं और इनका असर समाज व स्वास्थ्य
सेवाओं पर भी पड़ सकता है। इसलिए, इस मामले की जल्द सुनवाई और निष्पत्ति
आवश्यक है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस घोटाले में कई सरकारी अधिकारी भी
शामिल हो सकते हैं, जिनके खिलाफ जांच और कानूनी प्रक्रिया तेजी से पूरी
होनी चाहिए। इससे आम जनता का न्याय प्रणाली पर भरोसा बढ़ेगा।
आर जी कर अस्पताल घोटाले पर हाई कोर्ट की सख्ती, कहा- जल्द निपटारा हो
