वाराणसी। काशीपुराधिपति की नगरी में इस बार मकर संक्रांति पर्व
तीन साल बाद मंगलवार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस बार पर्व पर पूरे दिन
पुण्य काल के साथ खास संयोग बुधादित्य राजयोग है। ऐसे विशेष संयोग में
सनातनी अलसुबह से पूरे दिन तक पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाएंगे।
ज्योतिषविद कर्मकांडी रविन्द्र तिवारी के अनुसार स्नान पर्व पर भगवान
भास्कर धनु राशि से सुबह 08:55 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। पुण्य काल
सुबह 09:3 बजे से शुरू होकर शाम 5:55 बजे तक रहेगा।
महापुण्यकाल
सुबह 9:03 बजे से पूर्वाहन 10:52 बजे तक रहेगा। इसी के साथ खरमास भी समाप्त
हो जाएगा। शाम से ही मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि
मकर संक्रांति पर्व से ही भगवान भास्कर दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाएंगे।
इस बार भौम पुष्य नक्षत्र के साथ स्थिर योग के शुभ संयोग में मकर संक्रांति
मनाई जाएगी। पर्व पर इस बार कई संयोग बन रहे हैं। मकर संक्रांति पर गंगा
सहित पवित्र नदियों में स्नान व दान करने का विशेष महत्व है। सनातन में
मान्यता है कि मकर संक्रान्ति पर्व पर भगवान भास्कर की पूजा करने से जीवन
में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। दान-पुण्य से उसका सौ गुना पुण्य फल
प्राप्त होता है।