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इस्लामाबाद में भारी बवाल के बीच बुशरा बीबी और गंडापुर डी-चौक से पीछे हटे




इस्लामाबाद। पाकिस्तान की संघीय राजधानी इस्लामाबाद का डी-चौक आज सुबह करीब तीन दिन बाद टकराव की टीस से मुक्त हुआ। खूनखराबे का गवाह बने इस चौक के आसपास के महत्वपूर्ण ठिकानों की सुरक्षा के लिए तैनात फौजी यहां से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के हजारों समर्थकों के चले जाने से कुछ सुकून में हैं। करीबन 34-35 हजार प्रदर्शनकारियों के काफिले का नेतृत्व कर रहे खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और पीटीआई संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बीवी बुशरा बीबी के यहां से चले जाने पर हुकूमत ने भी राहत की सांस ली है।

झड़पों के बीच सुनी गई गोलियों की आवाजएआरवाई न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, डी-चौक पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्ती देखकर पीटीआई संस्थापक की पत्नी बुशरा बीबी और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर कथित तौर पर भाग गए। इस दौरान फौज और पुलिस ने लगभग 450 पीटीआई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। प्रशासन ने बुले क्षेत्र, खैबर चौक और कुलसुम प्लाजा को पीटीआई समर्थकों को खदेड़कर खाली करा लिया है। सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के बीच पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान गोलियों की आवाज भी सुनी गई।इस चैनल ने सूत्रों के हवाले से कहा कि बुशरा बीबी और मुख्यमंत्री गंडापुर एक ही वाहन से भाग गए। इससे पहले संघीय सरकार के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने घोषणा की कि पुलिस पीटीआई प्रदर्शनकारियों से अपने स्तर पर निपटेगी। नकवी ने बुशरा बीबी पर इस्लामाबाद में जान-माल का नुकसान करने वाली सारी अराजकता को अंजाम देने का आरोप लगाया। आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि डी-चौक से प्रदर्शनकारियों को सफलतापूर्वक हटा दिया गया है।

तीन दिन, छह की मौतडॉन समाचार पत्र की वेबसाइट पर अपडेट किए गए विवरण के अनुसार, संघीय राजधानी में सुरक्षा बलों और पीटीआई प्रदर्शनकारियों के बीच दिन भर की तीखी लड़ाई आज तड़के रेड जोन (डी-चौक) से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और समर्थकों के हटने के साथ समाप्त हो गई। अधिकारियों और अस्पताल के सूत्रों ने कहा कि तीन दिनों के विरोध प्रदर्शन में कम से कम छह लोगों की जान चली गई। इसमें एक पुलिसकर्मी और तीन रेंजर्स शामिल हैं। बुशरा बीबी, मुख्यमंत्री गंडापुर सहित पीटीआई नेतृत्व ने देररात यहां से वापसी की। इससे पहले उन्होंने प्रदर्शनकारियों से 'घर जाने, रात का खाना खाने और कल वापस आने' का आग्रह किया। गंडापुर और बुशरा इसके बाद अचानक यहां से अदृश्य हो गए। हालांकि, सूचना मंत्री अता तरार ने दावा किया कि वे दोनों हरिपुर के रास्ते खैबर पख्तूनख्वा वापस आ गए हैं।

बहन ने किया बुशरा के अपहरण का दावाजियो न्यूज चैनल के अनुसार, बुशरा बीबी की बहन मरियम रियाज वाटो ने आशंका जताई है कि बुशरा का अपहरण कर लिया गया है। आज तड़के मरियम ने एक वीडियो संदेश में कहा कि अगर बुशरा खैबर पख्तूनख्वा पहुंची होती तो वह अपने परिवार से संपर्क करतीं। उन्होंने कहा कि उन्हें बुशरा की गिरफ्तारी और खैबर पख्तूनख्वा में उनके कथित आगमन के संबंध में विरोधाभासी सूचना मिली है। मरियम ने कहा कि पीटीआई के प्रदर्शन को काफी समर्थन मिला है। इस बीच पीटीआई नेता और नेशनल असेंबली के सदस्य शेर अफजल मारवत ने कहा कि इस्लामाबाद में 24 नवंबर को शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब रद्द कर दिया गया है।

पीटीआई ने विरोध प्रदर्शन स्थगित कियापीटीआई के केंद्रीय मीडिया सेल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, "सरकार की क्रूरता और संघीय राजधानी को निहत्थे नागरिकों के लिए बूचड़खाने में बदलने की योजना के मद्देनजर हम अपने शांतिपूर्ण विरोध को अस्थायी रूप से स्थगित करने की घोषणा कर रहे हैं।" पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि वह पार्टी संस्थापक इमरान खान के मार्गदर्शन में भविष्य की रणनीति की घोषणा करेगी। उल्लेखनीय है कि इमरान खान लगभग सालभर से रावलपिंडी सेंट्रल जेल (अदियाला जेल) में सलाखों के पीछे कैद हैं।