काठमांडू,। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री रवि
लामिछाने सहकारी घोटाला में दोषी पाए गए हैं। संसदीय जांच समिति ने
पर्याप्त सबूत के साथ सोमवार को संसद में रिपोर्ट पेश कर दी है। रवि
लामिछाने सहित उनके व्यवसायिक साझेदार जीबी राई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की सिफारिश की गई है। संसद में यह रिपोर्ट पेश
होने के बाद स्पीकर देवराज घिमिरे ने इस पर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया
आगे बढ़ाने का निर्देश देते हुए सरकार के पास भेज दिया है।
देश भर
में हुए सहकारी घोटाले की जांच के लिए एमाले सांसद सूर्य थापा के
संयोजकत्व में बनी संयुक्त जांच समिति ने सोमवार को संसद में रिपोर्ट पेश
कर दी है। संसद के वर्षाकालीन अधिवेशन के आखिरी दिन समिति ने अपनी जांच
रिपोर्ट में पूर्व गृहमंत्री तथा राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि
लामिछाने पर उन आरोपों की पुष्टि की गई है, जिसमें सहकारी संस्थाओं की
करोड़ों रुपये की रकम गैर कानूनी तरीके से अपने मीडिया हाउस में निवेश
करने की बात कही गई थी।
संसद में जांच रिपोर्ट पेश करते हुए समिति
के संयोजक सूर्य थापा ने कहा कि पोखरा के सूर्यदर्शन सहकारी लिमिटेड, बुटवल
के सुप्रीम सहकारी, काठमांडू के स्वर्ण लक्ष्मी सहकारी और चितवन के सहारा
सहकारी की रकम को गैर कानूनी तरीके से मीडिया में निवेश करने के सभी प्रमाण
रिपोर्ट के साथ ही सदन में पेश किये गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि
करीब 90 करोड़ रुपये के अपचलन में लामिछाने की प्रत्यक्ष भूमिका देखी गई
है। थापा ने कहा कि संसदीय जांच समिति के समक्ष बयान में रवि लामिछाने ने
गोरखा मीडिया में प्रबंध निदेशक के रूप में किसी तरह का कोई आर्थिक कारोबार
नहीं करने, किसी भी चेक पर साइन नहीं करने, पैसे के निवेश को लेकर कोई भी
डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर नहीं करने और मीडिया में हो रहे निवेश का आर्थिक
स्रोत के बारे में अनभिज्ञता जताई थी। जांच में पाया गया है कि गोरखा
मीडिया की तरफ से समिति को उपलब्ध कराए गए दस्तावेज, बैंक खाते के सभी
दस्तावेज, चारों सहकारी संस्थाओं के दस्तावेज में पैसे के लेन-देन में रवि
लामिछाने के दस्तखत मौजूद हैं।