काठमांडू, । नेपाल–चीन सीमा पर उत्तरी कोरला नाका से सटे ऊपरी मुस्तांग
क्षेत्र की यात्रा करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए प्रतिदिन 50 अमेरिकी
डॉलर शुल्क निर्धारित किया गया है। सरकार के प्रवक्ता एवं संचार तथा सूचना
प्रौद्योगिकी मंत्री जगदीश खरेल ने मंत्रिपरिषद के निर्णयों का ब्योरा
सार्वजनिक करते हुए यह जानकारी दी। उनके अनुसार अध्यागमन नियमावली के
अनुसूची-12 में संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया गया है।
इस निर्णय
के बाद ऊपरी मुस्तांग की यात्रा करने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए अब 10
दिन की अनिवार्य पदयात्रा अनुमति शुल्क के रूप में 500 अमेरिकी डॉलर
एकमुश्त जमा करने की बाध्यता समाप्त हो गई है। अब यह शुल्क पर्यटक के ऊपरी
मुस्तांग में ठहरने के दिनों के आधार पर प्रतिदिन 50 अमेरिकी डॉलर के हिसाब
से लिया जाएगा।
पहले ऊपरी मुस्तांग जाने वाले विदेशी पर्यटकों को
कम से कम 10 दिन के लिए 500 अमेरिकी डॉलर शुल्क अनिवार्य रूप से जमा करना
पड़ता था। 10 दिन से अधिक रुकने पर उन्हें प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 50 डॉलर
अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होता था।
लोघेकार दामोदरकुंड
ग्रामीणपालिका के अध्यक्ष लोप्सांग छोम्फेल बिष्ट ने कहा कि उनकी मुख्य
मांग ऊपरी मुस्तांग को निषिद्ध एवं नियंत्रित क्षेत्र की सूची से हटाने की
रही है, फिर भी सरकार के इस निर्णय से आंशिक रूप से उनकी मांग पूरी हुई है।
लोमान्थांग ग्रामीण नगरपालिका के अध्यक्ष त्सेरिंग नुर्बु गुरुड ने भी इस
निर्णय को सकारात्मक बताया।
ऊपरी मुस्तांग क्षेत्र अन्नपूर्णा
संरक्षण क्षेत्र परियोजना के अंतर्गत आता है। सरकार ने इसे निषिद्ध व
नियंत्रित क्षेत्र की सूची में रखा है। यहां शुल्क अधिक होने के कारण
अधिकांश विदेशी पर्यटक कागबेनी और मुक्तिनाथ से ही वापस लौट जाते थे। हर
वर्ष लगभग डेढ़ लाख विदेशी पर्यटक मुस्तांग घूमने जाते हैं, लेकिन उनमें से
केवल 3 से 4 प्रतिशत ही ऊपरी मुस्तांग तक पहुंच पाते थे।
नेपाल–चीन सीमा पर उत्तरी कोरला नाका से ऊपरी मुस्तांग की यात्रा के लिए विदेशी नागरिकों के लिए प्रतिदिन 50 अमेरिकी डॉलर शुल्क निर्धारित
