काठमांडू। नेपाल में सरकार द्वारा लड़कियों की शादी उम्र 20 वर्ष
से घटकर 18 वर्ष करने के प्रस्ताव पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने आपत्ति जताई
है। लड़कियों की शादी की उम्र घटाने संबंधी कानून मंत्रालय के प्रस्ताव पर
संसदीय समिति में जल्द फैसला लेकर उसे संसद में पेश करने की तैयारी चल रही
है।
सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष कमल पराजुली ने देश
के कानून मंत्री अजय चौरसिया को पत्र लिख कर लड़कियों की शादी की उम्र
घटाने के प्रस्ताव को वापस लिए जाने की मांग की है। अपने दो पन्ने के पत्र
में महिला आयोग की अध्यक्ष ने लिखा है कि केवल विवाह में यौन संबंध को आधार
मानते हुए लड़कियों की शादी की उम्र को घटाना किसी भी रूप में ठीक नहीं
है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने नेपाल के संविधान मौजूदा प्रावधान के
अनुसार लड़के और लड़कियों की शादी उम्र को 20 वर्ष होने को ही बेहतर बताया
है। पराजुली ने अपने पत्र में लिखा है कि शादी सिर्फ यौन संबंध बनाने के
लिए नहीं बल्कि लड़कियों के लिए यह भावनात्मक अधिक होता है। उन्होंने कहा
है कि 20 वर्ष की लड़की न सिर्फ भावनात्मक रूप से मजबूत होती हैं बल्कि
उसके आत्मनिर्भर होने और अपनी आर्थिक और सामाजिक परिस्थिति को बेहतर ढंग से
समझ सकती है।
इस समय कानून मंत्रालय की तरफ से लड़कियों की शादी
की उम्र को 20 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किए जाने के पीछे यह तर्क दिया गया है
कि इससे लिव इन रिलेशन वाला मामला बहुत अधिक बढ़ गया है और ऐसे में
एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा करने, बच्चे का जन्म होने पर उनकी जिम्मेवारी को
लेकर बहुत मामले बढ़ गए हैं। कानून मंत्रालय के प्रस्ताव में यह भी लिखा है
कि 20 वर्ष शादी की उम्र होने से लड़कियों की तरफ से लड़कों के खिलाफ
बलात्कार और यौन दुराचार के झूठे मामलों में काफी बढ़ोतरी हो गई है।
लेकिन
राष्ट्रीय महिला आयोग ने कानून मंत्रालय के इन तर्कों को ही नकारते हुए
विवाह के लिए 20 वर्ष की आयु को ही निरंतरता देने के पक्ष में हैं। आयोग का
तर्क है कि विद्यालय के पाठ्यक्रम में अन्य विषय के अलावा सामाजिक और
वैवाहिक जीवन के व्यावहारिक ज्ञान की भी शिक्षा देने के लिए पाठ्यक्रम
बनाना चाहिए।
नेपाल में लड़कियों के शादी की उम्र 20 से घटाकर 18 वर्ष करने के सरकार के प्रस्ताव पर महिला आयोग की आपत्ति
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