कोलकाता
नियुक्ति
घोटाले में आरोपित और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय को
निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति मिल गई है। हालांकि, उन्हें इस
इलाज का खर्च खुद वहन करना होगा। यह आदेश मंगलवार को अदालत ने दिया।
20
जनवरी को जेल में अचानक तबीयत खराब होने के बाद पार्थ को एसएसकेएम अस्पताल
में भर्ती कराया गया था। हालांकि, सोमवार को उन्होंने अदालत में याचिका
दाखिल कर कहा कि एसएसकेएम अस्पताल में उनका इलाज सफल नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने अदालत से निजी अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति मांगी।
इस
याचिका के बाद अदालत ने एसएसकेएम अस्पताल से उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर एक
रिपोर्ट तलब की थी। मंगलवार को अस्पताल ने अपनी रिपोर्ट अदालत में जमा की।
रिपोर्ट में बताया गया कि पार्थ की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन
संक्रमण सहित कुछ समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं।
इसके बाद अदालत ने
पार्थ को निजी अस्पताल में इलाज की अनुमति दी, लेकिन साफ कहा कि इलाज का
पूरा खर्च उन्हें खुद उठाना होगा और यह फैसला उनकी जिम्मेदारी पर लिया गया
है।