कोलकाता बंगाली फिल्म उद्योग में तकनीशियनों और निर्देशकों के
बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। फ़ेडरेशन ऑफ़ सिने टेक्नीशियंस एंड वर्कर्स ऑफ़
ईस्टर्न इंडिया द्वारा कथित तौर पर लगाए गए अनुचित नियमों और मांगों के
विरोध में निर्देशकों ने कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी है।
निर्देशकों
का कहना है कि इस साल जुलाई में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के
बाद दोनों पक्षों के बीच सुलह के लिए एक समिति बनाई गई थी। इस समिति में
अभिनेता-निर्देशक प्रसेनजीत चटर्जी, देव, अनुभवी फिल्मकार गौतम घोष और
मंत्री अरूप विश्वास व इंद्रनील सेन शामिल थे। समिति को नवंबर तक रिपोर्ट
सौंपनी थी, लेकिन आज तक इसकी एक भी बैठक नहीं हुई।
ईस्टर्न इंडिया
डायरेक्टर्स एसोसिएशन (डीएईआई) के पदाधिकारी और अभिनेता-निर्देशक परमब्रत
चटर्जी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि वे तकनीशियनों के संगठन
के खिलाफ कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) में मामला दायर करने पर
विचार कर रहे हैं। सीसीआई, जो 2009 में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित की गई
थी, का उद्देश्य बाजार में समान प्रतिस्पर्धा बनाए रखना है।
परमब्रत
चटर्जी ने कहा कि तकनीशियनों का संगठन, जिसका नेतृत्व तृणमूल कांग्रेस के
वरिष्ठ नेता स्वरूप विश्वास कर रहे हैं, अपनी मनमानी कर रहा है। यह संगठन
फिल्मों, टीवी धारावाहिकों और वेब सीरीज के निर्माताओं और निर्देशकों पर
अपनी शर्तें थोप रहा है।
निर्देशकों ने आरोप लगाया है कि तकनीशियनों
का संगठन अनावश्यक संख्या में क्रू सदस्यों को परियोजनाओं में शामिल करने
का दबाव डालता है, चाहे वह देश के अंदर हो या विदेश में। यह निर्देशक और
निर्माता की जरूरतों की अनदेखी करता है।
परमब्रत चटर्जी ने बताया कि
जुलाई में निर्देशक राहुल मुखर्जी को शूटिंग से रोका गया था। इसके बाद
निर्देशक हड़ताल पर गए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया था।
लेकिन तीन महीने बीतने के बावजूद समिति का गठन नहीं हुआ।
चटर्जी ने
कहा कि हमने इंतजार किया, लेकिन कोई पहल नहीं की गई। इसके विपरीत,
तकनीशियनों के संघ के अध्यक्ष स्वरूप विश्वास लगातार हम पर आरोप लगाते रहे।
हम मुख्यमंत्री से मिलने के लिए तैयार हैं, लेकिन जुलाई के बाद से जैसी
स्थिति रही है, उससे हमें ज्यादा उम्मीद नहीं है।
डीएईआई के अध्यक्ष सुब्रत सेन ने कहा कि घटना के तीन महीने बाद भी समिति के गठन को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है।
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तकनीशियनों की प्रतिक्रिया
स्वरूप
विश्वास ने निर्देशकों द्वारा लगाए गए आरोपों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि
हम सभी बंगाली मनोरंजन उद्योग के हित में काम करते हैं। यदि विवाद हैं, तो
उन्हें सुलझाया जा सकता है। लेकिन क्रू की भर्ती को लेकर लगाए गए आरोप गलत
हैं।
निर्देशकों ने इस विवाद के संबंध में 15 बिंदु गिनाए हैं,
जिनमें शूटिंग शेड्यूल में मनमाने बदलाव, संघ द्वारा मनचाहे क्रू सदस्यों
की नियुक्ति का दबाव और आवश्यकता से अधिक संख्या में क्रू जोड़ने जैसी
समस्याएं शामिल हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रसिद्ध फिल्मकार कौशिक
गांगुली और शिबोप्रसाद मुखर्जी भी मौजूद थे। डीएईआई ने कहा कि वे जल्द ही
इस मुद्दे पर अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे।