हिसार : पेपर लीक मामले में सभी परीक्षाएं रद्द करने के खिलाफ लुवास में प्रदर्शन प्रशासन ने किया जांच समिति का गठन
हिसार,। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान
विश्वविद्यालय (लुवास) प्रशासन द्वारा एक पेपर लीक होने के बाद सभी
परीक्षाओं को रद्द करने के विरोध में छात्रों ने शनिवार को प्रदर्शन करके
नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व क्रांतिकारी स्टूडेंट्स ऑग्रेनाइजेशन ने
की। संगठन के अध्यक्ष हरिकेश ढांडा के नेतृत्व में वीसी ऑफिस के बाहर
छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में विभिन्न महाविद्यालयों के
छात्र शामिल हुए
, जिनमें कुल 15 कॉलेज आते हैं। इन कॉलेजों के लगभग 1300
छात्रों ने संबंधित परीक्षा दी थी। छात्रों की मुख्य मांग थी कि सिर्फ वही
परीक्षा रद्द की जाए जो लीक हुई है, बाकी सभी परीक्षाओं को रद्द करना
न्यायसंगत नहीं है और इससे मेहनत कर रहे छात्रों का भविष्य प्रभावित
होगा।लगभग तीन-चार घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत
में आया और कुलपति ने छात्रों को आश्वासन देते हुए एक जांच समिति गठित का
गठन किया।
हरिकेश ढांडा ने बताया कि छात्र प्रतिनिधियों और समिति के साथ
हुई बातचीत में यह निर्णय हुआ कि आगामी 20 नवंबर तक समिति पूरे मामले की
विस्तृत जांच करेगी। जांच पूरी होने तक विश्वविद्यालय कोई भी नई परीक्षा
तिथि घोषित नहीं करेगा। छात्रों ने स्पष्ट कहा कि वे न्यायसंगत निर्णय
चाहते हैं और जांच पूरी होने तक सतर्क रहेंगे। यदि छात्रों की मांगों का
समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन को और मजबूत किया जाएगा और यह आंदोलन बड़ा रूप
ले लेगा।
हरिकेश ढांडा ने बताया कि लाला लाजपतराय वेटर्नरी युनिवर्सिटी से
जुड़े विभिन्न जिलों में स्थापित 15 कॉलजों में वीएलडीए की अब तक हुई
परीक्षाएं विवि प्रशासन ने रद्द कर दी गई। यूनिवर्सिटी में वर्तमान सत्र के
वीएलडीए में प्रथम वर्ष में पढऩे वाले छात्रों की परीक्षाएं चल रही हैं
जिसमें किसी एक पेपर के लीक हो जाने की सूचना विवि प्रशासन को मिली जिस पर
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आनन-फानन में व गुपचुप तरीके से अब तक की हुई सभी
परीक्षाओं को रद्द कर दिया जो कि छात्रों के साथ सरासर अन्याय है क्योंकि
छात्र बहुत मेहनत करके परीक्षाओं की तैयारी करते हैं उस पर यूनिवर्सिटी
प्रशासन का इस तरह का तुगलकी फैसला नाजायज है।
उन्होंने कहा कि जिस पेपर के
लीक होने की सूचना यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास है, केवल उसी को रद्द करें
लेकिन अब तक हुई सभी परीक्षाओं को रद्द करके यूनिवर्सिटी प्रशासन ने
छात्रों के साथ अन्याय किया है, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया
जाएगा। यदि जल्द ही यूनिवर्सिटी प्रशासन अपना फैसला वापिस नहीं लेती तो
छात्र बड़ा आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।
