नई दिल्ली उतार-चढ़ाव
भरे 2025 के बाद भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के सामने 2026 में बेहद व्यस्त
कार्यक्रम रहने वाला है। इस साल की सबसे बड़ी खासियत घरेलू परिस्थितियों
में होने वाले टी20 विश्व कप का खिताब बचाने की चुनौती, बड़ी संख्या में
वनडे मुकाबले और विदेशी धरती पर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) की
कठिन परीक्षाएं होंगी।
साल 2025 भारत के लिए यादगार रहा। दुबई में
खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब
जीता, जिसमें चार स्पिनरों की रणनीति काफी सफल रही। टी20 अंतरराष्ट्रीय
में भी भारत की प्रगति जारी रही और टीम ने घरेलू व विदेशी दौरों पर
द्विपक्षीय सीरीज के साथ एशिया कप में भी जीत दर्ज की, हालांकि अभी तक टी20
विश्व कप की ट्रॉफी हाथ में नहीं आई।
टेस्ट क्रिकेट में भारत का
प्रदर्शन मिला-जुला रहा। सिडनी में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के साथ ही भारत
को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में 3-1 से हार झेलनी पड़ी और डब्ल्यूटीसी
फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें भी खत्म हो गईं। इसी दौरान विराट कोहली,
रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया,
जिससे टीम में बड़े बदलाव की शुरुआत हुई।
शुभमन गिल को नया टेस्ट
कप्तान नियुक्त किया गया और बाद में उन्होंने वनडे टीम की भी कमान संभाली।
इंग्लैंड में 2-2 से ड्रॉ रही सीरीज के बाद भारत ने घरेलू मैदान पर
वेस्टइंडीज को 2-0 से हराया। हालांकि, न्यूजीलैंड से मिली 3-0 की हार की
यादें तब फिर ताजा हो गईं जब दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 2-0 से पराजित
किया। टेस्ट टीम में बल्लेबाजी क्रम अब भी स्थिर नहीं है और लगातार
प्रयोगों के कारण भूमिका स्पष्टता व दीर्घकालिक योजना पर सवाल खड़े हो रहे
हैं।
2026 में भारत का ध्यान सबसे ज्यादा टी20 क्रिकेट पर रहेगा,
जबकि टी20 विश्व कप के बाद वनडे प्रारूप पर फोकस बढ़ेगा। साल की शुरुआत में
न्यूजीलैंड की टीम तीन वनडे और पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए भारत
दौरे पर आएगी। इसके बाद 7 फरवरी से 8 मार्च तक भारत और श्रीलंका की
मेजबानी में टी20 विश्व कप खेला जाएगा।
सूर्यकुमार यादव की कप्तानी
में भारत इस टूर्नामेंट में डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में उतरेगा। मौजूदा
फॉर्म और खिलाड़ियों की उपलब्धता को देखते हुए टीम इंडिया के पास खिताब
बचाने का सुनहरा मौका होगा। अगर भारत ऐसा करने में सफल रहता है, तो वह
घरेलू मैदान पर टी20 विश्व कप जीतने वाली पहली टीम बनेगा और कुल तीन खिताब
जीतने वाली इकलौती टीम भी।
टी20 विश्व कप और आईपीएल 2026 के बाद जून
में अफगानिस्तान की टीम एक टेस्ट (डब्ल्यूटीसी चक्र से बाहर) और तीन वनडे
खेलने भारत आएगी। इसके बाद जुलाई में भारत इंग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे और
पांच टी20 मैचों की सफेद गेंद की सीरीज खेलेगा।
डब्ल्यूटीसी 2026 के
तहत भारत की टेस्ट चुनौतियां अगस्त में श्रीलंका दौरे से शुरू होंगी, जहां
दो टेस्ट मैच खेले जाएंगे। यह दौरा खास तौर पर अहम होगा, क्योंकि
स्पिन-अनुकूल पिचों पर स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ भारत का प्रदर्शन अब तक
चिंता का विषय रहा है।
सितंबर में यूएई में अफगानिस्तान के खिलाफ
तीन टी20 मैचों की सीरीज संभावित है। बांग्लादेश दौरे को लेकर अनिश्चितता
बनी हुई है, क्योंकि वहां की मौजूदा परिस्थितियों के चलते यह दौरा टल सकता
है। इसके अलावा 19 सितंबर से 4 अक्टूबर तक जापान के आइची-नागोया में होने
वाले एशियाई खेलों के टी20 मुकाबलों में भारत की दूसरी पंक्ति की टीम
हिस्सा ले सकती है।
भारत का घरेलू सत्र सितंबर-अक्टूबर में
वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे और पांच टी20 मैचों से शुरू होगा। इसके बाद
अक्टूबर-नवंबर में टीम न्यूजीलैंड के कठिन विदेशी दौरे पर जाएगी, जहां दो
टेस्ट, तीन वनडे और पांच टी20 मैच खेले जाएंगे।
साल के अंत में
दिसंबर में भारत श्रीलंका की मेजबानी करेगा, जहां तीन वनडे और तीन टी20 मैच
खेले जाएंगे। यह सीरीज 2027 वनडे विश्व कप की तैयारियों के लिहाज से अहम
मानी जा रही है।
तीनों प्रारूपों में लगातार व्यस्त कार्यक्रम के
बीच भारतीय खिलाड़ियों और टीम प्रबंधन के लिए कार्यभार प्रबंधन बेहद अहम
रहेगा, ताकि टीम विभिन्न द्विपक्षीय सीरीज और बड़े टूर्नामेंटों में ट्रॉफी
जीतने के लक्ष्य के साथ लगातार बेहतर प्रदर्शन कर सके।
वर्ष 2026 में व्यस्त रहेगा भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का कैलेंडर, सामने होंगी बड़ी चुनौतियां





