इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व
प्रधानमंत्री इमरान खान के हजारों समर्थकों का काफिला तमाम बाधाओं को पार
कर आज सवेरा होने से पहले इस्लामाबाद सीमा के अंदर दाखिल हो गया। राजधानी
के श्रीनगर राजमार्ग पर रात को हुए टकराव में पाकिस्तान रेंजर्स के कम से
कम चार जवानों की मौत के बाद इस्लामाबाद को सेना के हवाले कर दिया गया।
पीटीआई समर्थकों का काफिला डी-चौक पहुंचने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। सेना
को डी-चौक के आसपास किसी के भी पहुंचने पर गोली मारने का आदेश दिया गया
है। संघीय सरकार के आंतरिकमंत्री मोहसिन नकवी ने चेतावनी दी कि पीटीआई को
डी-चौक पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एआरवाई
न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, संघीय सरकार ने श्रीनगर राजमार्ग की घटना को
गंभीरता से लिया है। रक्षा सूत्रों ने कहा कि उपद्रवियों ने पाकिस्तान
रेंजर्स के कम से कम चार जवानों को वाहनों से कुचल दिया है। इस टकराव में
पुलिस कर्मचारियों समेत पांच अन्य घायल भी हुए हैं। संघीय सरकार ने देररात
की घटना के फौरन बाद इस्लामाबाद की सड़कों पर सेना को तैनात किया है।
सूत्रों ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत तैनात सेना को देखते
ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। रक्षा सूत्रों ने बताया कि हिंसक विरोध
प्रदर्शन में अब तक 25 पुलिसकर्मियों की जान जा चुकी है, जबकि 100 से
ज्यादा घायल हुए हैं।
आंतरिकमंत्री मोहसिन नकवी ने पत्रकारों को
बताया कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सरकार को पीटीआई के साथ बातचीत करने का
निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि पीटीआई को संगजानी क्षेत्र में विरोध
प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पीटीआई ने
दायरा तोड़ने का प्रयास किया, कर्फ्यू लगाने जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नकवी ने पीटीआई नेतृत्व से आग्रह किया कि वह स्थिति को उस स्तर तक ले जाने
से बचें जहां सरकार कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाए।
इससे पहले
संवाददाता सम्मेलन में आंतरिकमंत्री नकवी ने कहा था कि सरकार और पीटीआई के
बीच कोई बातचीत नहीं चल रही है। आंतरिकमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्होंने
मिनिस्टर एन्क्लेव में पीटीआई के किसी प्रतिनिधि से मुलाकात नहीं की है।
नकवी ने कहा कि डी-चौक पहुंचने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया
जाएगा।
इस बीच पीटीआई अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर अली खान ने भी सरकार के
साथ किसी भी बातचीत से इनकार किया। बैरिस्टर ने एक बयान में कहा कि अगर
कोई बातचीत होगी तो सबसे पहले अवाम को सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि
मैंने सोमवार को पीटीआई संस्थापक इमरान खान से मुलाकात की है। इमरान खान ने
इस प्रदर्शन को 'करो या मरो' का नाम दिया है। डी-चौक पर आहूत इस विरोध
प्रदर्शन के बड़े काफिले का नेतृत्व खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली
अमीन गंडापुर कर रहे हैं। गंडापुर का काफिला इस्लामाबाद की सीमा में प्रवेश
कर गया है। हजारा डिवीजन, डीआई खान और बलूचिस्तान के काफिले हकला इंटरचेंज
पर गंडापुर के काफिले में शामिल हो गए हैं। गंडापुर के साथ इमरान खान की
पत्नी बुशरा बीबी भी हैं। इमरान खान लंबे अरसे से रावलपिंडी सेंट्रल जेल
(अदियाला जेल) में कैद हैं।