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ईरान का अमेरिका को कड़ा संदेश, "न्यूक्लियर ठिकानों पर इजरायली हमले के लिए अमेरिका होगा जिम्मेदार"


तेहरान। ईरान ने चेतावनी दी है कि यदि उसके परमाणु ठिकानों पर इजराइल हमला करता है, तो वह अमेरिका को इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराएगा। यह सख्त बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान और अमेरिका के बीच ईरानी परमाणु कार्यक्रम को लेकर बेहद अहम पांचवें दौर की बातचीत होने वाली है।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र को भेजे पत्र में कहा, "ईरान ज़ायोनिस्ट शासन (इजराइल) की किसी भी दुस्साहसी कार्रवाई के खिलाफ सख्त चेतावनी देता है और किसी भी अवैध या उकसाने वाले कदम का निर्णायक जवाब देगा।"

अमेरिकी मीडिया में हाल ही में आई रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका की खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि इजराइल, बातचीत विफल होने की स्थिति में, अमेरिका की सहमति हो या न हो, ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने की योजना बना रहा है। वैसे इजरायल पहले भी कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से कह चुका है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को किसी भी कीमत पर रोकने के लिए सैन्य कार्रवाई कर सकता है।

इस रिपोर्ट के मद्देनजर ही अरागची ने कहा कि तेहरान अमेरिका को ऐसे किसी भी हमले में "सहभागी" मानेगा, और अपनी परमाणु सामग्री और ठिकानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए "विशेष कदम" उठाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन उपायों की जानकारी संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था आईएईए को बाद में दी जाएगी।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका और ईरान के बीच रोम में ओमान की मध्यस्थता में अप्रत्यक्ष वार्ताएं हो रही हैं, जिनका उद्देश्य 2015 के परमाणु समझौते (जेसीपीओए) को पुनर्जीवित करना है। माना जा रहा है कि यदि बातचीत विफल होती है, तो पश्चिम एशिया में एक और गंभीर सैन्य संघर्ष की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।