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ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर दरबार साहिब में खालिस्तान के नारे गूंजे


चंडीगढ़,। ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी पर कई अवरोधों के बावजूद दरबार साहिब परिसर में धार्मिक कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। इस बीच कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे कट्टरपंथियों ने हाथों में जरनैल सिंह भिंडरावाला के पोस्टर लेकर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए। विवाद से बचने के लिए अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार कुलदीप सिंह गडगज ने कौम के नाम सीधा संदेश देने की बजाए अरदास में ही संदेश दे दिया।

यह पहला मौका है जब जत्थेदार ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के अवसर पर कौम के नाम संदेश नहीं दिया। वर्ष 1984 में एक जून को सेना ने दरबार साहिब परिसर की घेराबंदी शुरू की थी और छह जून 1984 को दमदमी टकसाल के 14वें प्रमुख जरनैल सिंह भिंडरावाला की मौत की खबर बाहर आई थी। इसके बाद देशभर में तनाव बढ़ गया था।

इस बार दमदमी टकसाल के वर्तमान बाबा हरनाम सिंह ने कहा था कि इस बार अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को कौम के नाम संदेश नहीं देने दिया जाएगा। इस मुद्दे पर एसजीपीसी अध्यक्ष एचएस धामी ने भी उनके साथ मुलाकात की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

दरबार साहिब में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आज यहां दो दिन से चल रहे अखंड पाठ का भोग डाला गया। इस बीच हंगामे से बचने के लिए जत्थेदार कुलदीप सिंह ने अरदास करवाई और अरदास में ही उन्होंने कौम के नाम संदेश जारी करते हुए 1984 की घटना का जिक्र किया। इसके बाद लोगों ने हाथों में जरनैल सिंह भिंडरांवाला के पोस्टर लेकर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।

इस बीच कट्टरपंथी नेता एवं पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान पहुंचे तो समर्थकों ने खालिस्तान की मांग को लेकर नारेबाजी की। फरीदकोट के सांसद सरबजीत सिंह खालसा तथा खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल के परिवारिक सदस्य भी यहां पहुंचे। सरबत खालसा के कार्यकारी जत्थेदार ध्यान सिंह मंड को अकाल तख्त पर जाने से रोक दिया गया। इसका उन्होंने विरोध किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग जुटे हैं।

ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी को देखते हुए आज अमृतसर के अधिकतर बाजार बंद हैं और कई शिक्षण संस्थानों में छुट्टियां हैं। गुरुनानक देव विश्वविद्यालय में आज परीक्षाओं को स्थगित किया गया है। दरबार साहिब के बाहर कुछ संगठनों ने भिंडरावाले के पोस्टरों के स्टॉल लगाए हैं। अकाल तख्त साहिब की सीढ़ियों पर टास्क फोर्स को तैनात किया गया है। दरबार साहिब परिसर के बाहर एक हजार से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।