अररिया । सीमांचल की सियासत में अररिया में एनडीए को नुकसना
उठाना पड़ा। एनडीए पिछले चुनाव के चार सीटों में दो सीट खो दी। भाजपा और
जदयू ने अपनी अपनी एक सीट खो दी। जबकि कांग्रेस ने अपने एक सीट से दो सीट
में बढ़ोतरी की। राजद ने भी एक सीट अपनी झोली में किया। जबकि सीमांचल से
अररिया से भाजपा का सांसद प्रदीप कुमार सिंह को लेकर जिले पर सबों की
निगाहें टिकी थी।
सीमांचल की सियासत को अररिया की धरती से पूरे
सीमांचल को साधने की कोशिश की गई थी और बाकायदा इसको लेकर गृह मंत्री अमित
शाह ने जिले के फारबिसगंज में एनडीए कार्यकर्ताओं का सम्मेलन किया था, तो
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फारबिसगंज में चुनावी सभा को भी संबोधित
किया। बावजूद इसके फारबिसगंज सीट भाजपा बचा पाने में कामयाब नहीं हो पाई।
2000
के विधानसभा चुनाव में अररिया जिला के छह विधानसभा सीटों में से एनडीए ने
चार सीट पर कब्जा जमाया था। लेकिन इस बार एनडीए वह प्रदर्शन नहीं कर पाई।
केवल भाजपा नरपतगंज और सिकटी विधानसभा बचा पाने में सफल हो पाए। जबकि
फारबिसगंज से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा तो रानीगंज विधानसभा क्षेत्र
से भी जदयू को करारी शिकस्त मिली।
रानीगंज के अलावे जदयू ने
अररिया और जोकीहाट से अपना उम्मीदवार खड़ा किया था। लेकिन जदयू जिले में
तीनों सीट हार गई। जबकि कांग्रेस अपनी अररिया सीट बचाने के साथ ही
फारबिसगंज में भी 40 वर्षों के बाद कामयाबी हासिल की। वहीं एआईएमआईएम पिछले
विधानसभा चुनाव में जीते जोकीहाट के सीट को बचाने में कामयाब रहे।
वहीं
2020 के चुनाव में जोकीहाट से एआईएमआईएम के टिकट से चुनाव जीतने के बाद
राजद में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री मरहूम जनाब तस्लीमुद्दीन के
पुत्र शाहनवाज को पूरी तरह नकारते हुए चौथे स्थान पर ढकेल दिया। वहीं पूर्व
केंद्रीय मंत्री मरहूम जनाब तस्लीमुद्दीन के ही बड़े पुत्र एवं जन सुराज
पार्टी के उम्मीदवार सरफराज आलम को तीसरे स्थान पर रहने को विवश होना पड़ा।
विधानसभावार स्थिति...
विधानसभा : अररिया
अररिया
विधानसभा क्षेत्र में दस उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। जिसमें कांग्रेस
के आबिदुर रहमान को 91529 मत मिले, जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी जदयू के
शगुफ्ता अजीम को 78788 मत मिले। कांग्रेस के आबिदुर रहमान 12741 मतों के
अंतराल से जीतने में कामयाब रहे। वहीं तीसरे स्थान पर रहे एआईएमआईएम के
मो.मंजूर आलम को 53421 मत मिले।
निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व आईपीएस
शिवदीप लांडे को 4085, जन सुराज पार्टी के फरहत आरा बेगम को 2434,
राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के मो. राशिद अनवर को 2351, आम आदमी पार्टी के
चंद्रभूषण को 2224, निर्दलीय विशाल कुमार राय को 1676, राष्ट्रीय जन
संभावना पार्टी के मो.आसिफ आलम को 1163, निर्दलीय ए.गफूर को 804 मत मिले।
जबकि 3610 मतदाताओं ने नोटा पर भरोसा जताया।
विधानसभा : फारबिसगंज
फारबिसगंज
विधानसभा में इस बार चुनावी अखाड़े में कुल 13 उम्मीदवार मैदान में थे।
कांग्रेस के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे मनोज विश्वास को 120114 और
उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के विद्यासागर केशरी 119893 मत मिले। इस तरह
कांग्रेस प्रत्याशी मनोज विश्वास ने भाजपा प्रत्याशी विद्यासागर केशरी को
महज 221 मतों से पराजित किया। राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी के फातमा खातून
को 2151, निर्दलीय राजा रमण भास्कर को 1759, सुभाष चंद्र अग्रवाल को 1325,
जन सुराज पार्टी के मो.इकरामुल हक को 977, निर्दलीय सुभाष अंसारी को 627,
आभा रानी को 386, राजेश कुमार गुप्ता को 279, मनोज सदा को 231, गिरानंद
कुमार को 211, नाजिया इकबाल को 191, प्रदीप प्रिय मेहता को 181 मत मिले।
जबकि नोटा के पक्ष में 3114 मतदाताओं ने अपना विश्वास जताया।
विधानसभा: नरपतगंज
नरपतगंज
विधानसभा क्षेत्र से कुल 15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। चुनाव में जीत
दर्ज की भाजपा के देवंती यादव को 120557 मत मिले। जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी
राजद के मनीष यादव को 95204 मत मिले।
भाजपा प्रत्याशी देवंती यादव
ने राजद प्रत्याशी मनीष यादव को 25353 मतों के अंतराल से पराजित किया।
तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी अनिल कुमार यादव को 10669, श्रवण
कुमार दास को 3761, राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी के अनंत कुमार राय को
1696, जन सुराज पार्टी के जनार्दन यादव को 1688, निर्दलीय अखिलेश कुमार को
1196, बेचन राम को 1170, जितेंद्र यादव को 950, आलोक कुमार को 630, भारतीय
लोक चेतना पार्टी के चंद्रेश कुमार को 290, राष्ट्रीय जन लोक पार्टी
(सत्या) के पप्पू कुमार सिंह को 281, द नेशनल रोड मैप पार्टी ऑफ इंडिया के
शोएब आलम को 278, प्रिज्म के ललित कुमार साह को 244, अपना अधिकार पार्टी के
मोहम्मद असलम बैग को 237 मत प्राप्त हुए। वही 2796 मतदाताओं ने नोटा के
पक्ष में वोटिंग की।
विधानसभा : रानीगंज(अजा)
रानीगंज (अजा)
सीट से कुल सात उम्मीदवार चुनाव लड़े।जिसमें जीत का सेहरा बांधने वाले राजद
प्रत्याशी अविनाश मंगलम को 11590 और निकटतम प्रतिद्वंदी जदयू के अचमित
ऋषिदेव को 103060 मत प्राप्त हुए। राजद के अविनाश मंगलम ने जदयू प्रत्याशी
अचमित ऋषिदेव को 8530 मतों से परास्त किया।जन सुराज पार्टी के कृत्यानंद
राम को 3183, निर्दलीय अमन राज को 3126, हीरानंद पासवान को 2146, शिखा देवी
को 1120, आपकी अपनी अधिकार पार्टी के विद्यानंद राम को 1005 मत प्राप्त
हुए। वहीं 5118 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।
विधानसभा : जोकीहाट
जोकीहाट
विधानसभा से कुल आठ प्रत्याशी मैदान में थे। जोकीहाट जिले के सबसे हॉट सीट
था,जहां तीन पूर्व मंत्री चुनाव लड़ रहे थे।जिनमें तीनों पूर्व मंत्री की
हार हुई। जोकीहाट से पूर्व केंद्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन के बड़े पुत्र
सरफराज आलम जन सुराज पार्टी और छोटे पुत्र शाहनवाज राजद के उम्मीदवार थे।
लेकिन जोकीहाट की जनता जन सुराज पार्टी के सरफराज आलम को तीसरे और राजद के
शाहनवाज को चौथे स्थान पर ढकेल दिया। जोकीहाट से एआईएमआईएम के मो.मुर्शीद
आलम 28803 मतों से विजयी रहे। उन्हें 83737 और उनके निकटतम प्रतिद्वंदी
मंजर आलम को 54934 मत मिले। जन सुराज पार्टी के सरफराज आलम को 35354, राजद
के शाहनवाज को 29659, भारतीय मोमिन पार्टी के मो. इस्माइल को 4137,
राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी के मुसर्रत को 2609, निर्दलीय संजय कुमार
ठाकुर को 1502, बहुजन समाज पार्टी के रोजी बानो को 1450 मत मिले। वहीं 4003
मतदाताओं ने किसी भी प्रत्याशी पर अपना भरोसा न जताते हुए नोटा का बटन
दबाया।
विधानसभा : सिकटी
सिकटी विधानसभा से कुल आठ प्रत्याशी
चुनावी मैदान में थे।जिसमें सिकटी से हैट्रिक लगाए भाजपा के विजय कुमार
मंडल को 111342 और उनके निकटतम प्रतिद्वंदी विकासशील इंसान पार्टी के हरि
नारायण प्रमाणिक को 92020 मत प्राप्त हुए। भाजपा के विजय कुमार मंडल ने
19322 मतों के अंतराल से जीत दर्ज की। जन सुराज पार्टी के मो. रागिब को
3789,बहुजन समाज पार्टी के भोला प्रसाद सिंह को 3357, पीस पार्टी के
मो.साबिर आलम को 2211, आम आदमी पार्टी के दिनेश कुमार आर्या को 2210,
प्रिज्म के जयनारायण सदा को 2204, निर्दलीय समशुल को 1078 मत मिले। वहीं
नोटा में 2018 मतदाताओं ने विश्वास जताया।
अररिया में एनडीए को दो सीट का नुकसान, भाजपा को एक, कांग्रेस और राजद को एक एक का इजाफा
