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मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत नवचयनित 2390 अभ्यर्थियों को प्रदान किया नियुक्ति पत्र



पटना:  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विद्युत भवन में आयोजित कार्यक्रम में ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड एवं अनुषंगी कपंनियों में नवचयनित 2390 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।


 इसमें 1810 तकनीशियन, 512 पत्राचार लिपिक तथा 68 भंडार सहायक कर्मी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से 03 अभ्यर्थियों- श्री सन्नी साकेत, आशुतोष कुमार एवं मोहित कुमार भट्ट को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।


कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी से उम्मीद करता हूं कि पूरी मेहनत और लगन से काम करेंगे तथा बिहार को और आगे बढ़ायेंगे। उन्होंने कहा कि हमलोगों के द्वारा शुरू से ही युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।


 वर्ष 2005 से वर्ष 2020 के बीच 8 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गयी। वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख नौकरी एवं 10 लाख रोजगार देना तय किया गया था जिसके तहत हमलोगों ने 10 लाख नौकरी एवं 40 लाख रोजगार यानी कुल 50 लाख नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया। अब हमने तय किया है कि अगले पांच वर्ष में इसका दोगुना यानी एक करोड़ नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध करायेंगे। सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है।


कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य में पम्प्ड स्टोरज प्रोजेक्ट के अधिष्ठापन हेतु एकरारनामे पर हस्ताक्षर किया गया। राज्य में ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा पम्प स्टोरेज पॉलिसी-2025 लागू की गई है। 


इस नीति के आधार पर बिहार स्टेट पॉवर जेनेरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा दो एजेंसियों मेसर्स ग्रीनको एवं मेसर्स सन पेट्रो का चयन किया गया है। ये दोनों परियोजनाएं नवादा जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में प्रस्तावित हैं। इन दोनों परियोजनाओं से राज्य में 13 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा।


मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के पूर्व विद्युत भवन स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।


बिहार राज्य में सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को निरंतर एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्वित करने हेतु राज्य एवं राज्य के बाहर कार्यरत विद्युत उत्पादन केन्द्रों, संचरण कंपनियों एवं वितरण कंपनियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर की स्थापना की गई है।


 विद्युत भवन, पटना के चौथी मंजिल पर स्थित यह केन्द्र राज्य में विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिए दिन-रात संचालित रहता है।