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सीबीडीटी ने टैक्‍सपेयर्स के लिए विदेशी स्रोतों से आय की जानकारी देने का शुरू किया अभियान -आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अनुपालन-सह-जागरुकता अभियान की शुरुआत की



नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने करदाताओं को विदेशी परिसंपत्तियों की अनुसूची को सही ढंग से पूरा करने और अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में विदेशी स्रोतों से इनकम की रिपोर्ट करने में सहायता के लिए आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अनुपालन-सह-जागरुकता अभियान शुरू किया है।

वित्‍त मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि सीबीडीटी ने करदाताओं को आईटीआर में अनुसूची विदेशी संपत्ति (अनुसूची एफए) को सही ढंग से पूरा करने और विदेशी स्रोतों (अनुसूची एफएसआई) से इनकम की रिपोर्टिंग करने में सहायता के लिए आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अनुपालन-सह-जागरुकता अभियान शुरू किया है। सीबीडीटी के अनुसार काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत अनुसूची एफए और एफएसआई का अनुपालन अनिवार्य है, जिसके तहत विदेशी संपत्ति और आय का पूरा खुलासा करना आवश्यक है।

आयकर विभाग की ओर से 16 नवंबर, 2024 को जारी एक अधिसूचना के मुताबिक यह पहल विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है और करदाता अनुपालन को सरल बनाने और मानवीय संपर्क को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए आयकर विभाग की प्रतिबद्धता को उजागर करती है। सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान ( एइओआई) के जरिए प्राप्त डेटा का लाभ उठाकर, विभाग एक अधिक कुशल, करदाता-अनुकूल प्रणाली बनाने के लिए काम कर रहा है।

मंत्रालय ने कहा कि सीबीडीटी को उम्मीद है कि सभी पात्र करदाता इस अवसर का लाभ उठाकर अपनी कर जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास में योगदान देंगे। यह प्रयास न केवल विकसित भारत के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है, बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और स्वैच्छिक अनुपालन की संस्कृति को भी बढ़ावा देता है।

अधिसूचना के मुताबिक विदेशी परिसंपत्तियों की अनुसूची को पूरा करने के लिए विस्तृत, चरण-दर-चरण मार्गदर्शन के लिए, करदाताओं को आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.incometax.gov.in पर जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जहां उनकी सहायता के लिए संसाधन और समर्थन आसानी से उपलब्ध हैं।