नई
दिल्ली। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में दिल्ली
एनसीआर में हाउसिंग सेल में करीब 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
बताया जा रहा है कि एक करोड़ रुपये से कम कीमत वाले घरों की उपलब्धता में
कमी होने से हाउसिंग सेल में ये गिरावट दर्ज की गई है।
नाइट फ्रैंक
इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से
सितंबर) के दौरान दिल्ली एनसीआर में कल 12,976 यूनिट्स की बिक्री हुई,
जबकि पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के दौरान ये आंकड़ा 13,471 यूनिट का था।
इसके पहले पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही यानी (जनवरी से मार्च 2024) के
दौरान कुल 15,907 यूनिट की बिक्री हुई थी। इस तरह जनवरी से मार्च की तुलना
में अप्रैल से जून की अवधि में भी हाउसिंग सेल में 15 प्रतिशत से अधिक की
गिरावट दर्ज की गई थी।
जानवरों का कहना है कि दिल्ली एनसीआर में
विशेष रूप से गुड़गांव, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में एक करोड़
रुपये से कम कीमत वाले फ्लैट्स की सप्लाई में काफी कमी आई है। लिहाजा नया
घर खरीदने के इच्छुक लोगों के सामने एक करोड़ रुपये या इससे अधिक कीमत वाले
फ्लैट खरीदने का ही विकल्प रह गया है। एक करोड़ रुपये से कम कीमत के नए
फ्लैट खरीदने का विकल्प काफी कम रह गया। ऐसी स्थिति में बड़ी संख्या में
निम्न मध्य आय वर्ग (लोअर मिडिल इनकम ग्रुप) वाले खरीदारों ने कुछ समय के
लिए घर खरीदने की अपनी योजना टाल दी है।
दिल्ली एनसीआर में फिलहाल
नए घर के रूप में लग्जरी या प्रीमियम सेगमेंट वाले फ्लैट्स की सप्लाई
तुलनात्मक तौर पर अधिक हो रही है। कुछ समय पहले तक प्रीमियम और लग्जरी
सेगमेंट के फ्लैट्स की कीमत 80 से 90 लाख रुपये से शुरू होती थी लेकिन
पिछले 6 महीने के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर में आई तेजी के कारण अब इनकी
मिनिमम प्राइस 1.10 से लेकर 1.25 करोड़ रुपये हो गई है। इसके कारण निम्न
मध्य आय वर्ग के लोगों के लिए नया घर खरीदना पहले की तुलना में ज्यादा कठिन
हो गया है।