नई
दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष
गोयल ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) एक संतुलित, महत्वाकांक्षी,
व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का
लक्ष्य रखते हैं। भारत और ईयू के बीच प्रस्तावित एफटीए बातचीत को एक-दूसरे
की संवेदनशीलताओं को समझते हुए व्यावसायिक रूप से सार्थक सौदे तक पहुंचाने
के लिए राजनीतिक दिशा की भी आवश्यकता है।
वाणिज्य एवं उद्योग
मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में बताया कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
और यूरोपीय आयोग के प्रतिनिधिमंडल के बीच नई दिल्ली में बातचीत के दौरान
इस समझौते पर चर्चा हुई। इस दौरान गोयल ने कहा कि दोनों पक्षों का लक्ष्य
एक संतुलित, महत्वाकांक्षी, व्यापक तथा पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए है।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच बढ़ते प्रगाढ़ संबंधों और व्यापार पर चर्चा
करते हुए गोयल ने कहा कि दोनों पक्ष एक संतुलित, महत्वाकांक्षी, व्यापक और
पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए का लक्ष्य बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि
नौ दौर की गहन चर्चा के बाद एफटीए वार्ता को एक दूसरे की संवेदनशीलता को
समझते हुए व्यावसायिक रूप से सार्थक समझौते पर पहुंचने के लिए राजनीतिक
निर्देशों की जरूरत है।
वाणिज्य मंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि
अगले कुछ वर्षों में भारतीय इकोनॉमी के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी
अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में वार्षिक 7 से 8 फीसदी की दर से वृद्धि होने
की आशा है। त्वरित रूप से होने वाली कई गुणा वृद्धि भारत के सकल घरेलू
उत्पाद को 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर (35 लाख करोड़ यूएस डॉलर) की उपलब्धि
तक पहुंचाने में सहायता करेगी। इस बातचीत में भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और
प्रौद्योगिकी परिषद में प्रगति पर चर्चा करने का अवसर भी मिला। अमेरिका के
अलावा भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसके साथ यूरोपीय संघ की ऐसी व्यवस्था
है।
मंत्रालय के मुताबिक गोयल ने यूरोपीय आयोग के प्रतिनिधिमंडल,
ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, इटली, आयरलैंड,
लातविया, लिथुआनिया, माल्टा, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाक गणराज्य,
स्पेन और स्वीडन के राजदूतों के साथ चर्चा किया। इस बैठक में वाणिज्य एवं
उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद, वाणिज्य सचिव, डीपीआईआईटी सचिव और अन्य
वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि पिछले वित्त वर्ष
2023-24 में यूरोपीय संघ के साथ भारत के द्विपक्षीय व्यापार के 137.41 अरब
अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने के बाद यह भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
बन चुका है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और यूरोपीय संघ के
बीच सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 51.45 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान
है। ईयू के साथ मुक्त व्यापार समझौते से भारत को मूल्य शृंखलाओं को
सुरक्षित करते हुए वस्तुओं और सेवाओं के अपने निर्यात को और अधिक विस्तारित
करने और विविधता लाने में सहायता मिलेगी। वहीं, भारत वैश्विक व्यापार में
अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रमुख विश्व अर्थव्यवस्थाओं के साथ
संतुलित समझौते करने के लिए प्रयासरत है।