नई दिल्ली, । ग्लोबल ट्रेड में अमेरिका द्वारा संरक्षणवादी रवैया अपनाये जाने और स्टॉक मार्केट में विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली किए जाने के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया आज रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। दोपहर 11:30 बजे तक के कारोबार के बाद भारतीय मुद्रा 38 पैसे की कमजोरी के साथ 88.69 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर कारोबार कर रही थी। इसके पहले पिछले कारोबारी दिन सोमवार को भारतीय मुद्रा 88.31 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुई थी।
रुपये ने आज के कारोबार की शुरुआत भी गिरावट के साथ ही की थी। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में भारतीय मुद्रा ने आज सुबह डॉलर के मुकाबले 10 पैसे की कमजोरी के साथ 88.41 रुपये के स्तर से कारोबार की शुरुआत की थी। आज का कारोबार शुरू होने के बाद कुछ पल के लिए रुपया ओपनिंग लेवल से 1 पैसे की मामूली रिकवरी करके 88.40 के स्तर तक भी पहुंचा, लेकिन इसके बाद बाजार में बने नकारात्मक माहौल के कारण रुपया लगातार गिरते हुए अभी तक के सबसे निचले स्तर 88.71 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गया। हालांकि इसके बाद रुपये ने 2 पैसे की मामूली रिकवरी जरूर की लेकिन मुद्रा बाजार में रुपये पर लगातार दबाव बना हुआ है।
मुद्रा बाजार के अभी तक के कारोबार में रुपया डॉलर के साथ ही ज्यादातर दूसरी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले भी कमजोर प्रदर्शन करता हुआ नजर आ रहा है। आज दोपहर 11:30 बजे तक के कारोबार के बाद ब्रिटिश पौंड (जीबीपी) की तुलना में रुपया 59.07 पैसे की कमजोरी के साथ 119.82 के स्तर पर पहुंचा हुआ था। इसी तरह यूरो की तुलना में रुपया 66.18 पैसे की गिरावट के साथ 104.65 के स्तर पर पहुंच कर कारोबार कर रहा था।
खुराना सिक्योरिटीज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रवि चंदर खुराना का कहना है कि रुपये की इस कमज़ोरी की मुख्य वजह अमेरिका के संरक्षणवादी उपाय हैं। अमेरिका ने एशिया के अन्य देशों की तुलना में भारतीय निर्यात पर ज़्यादा टैरिफ़ लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही नए आवेदनों के लिए एच-1बी वीजा का शुल्क भी बढ़ा दिया है। अमेरिका के इन दोनों कदमों से न सिर्फ भारत का एक्सपोर्ट कॉस्ट बढ़ गया है, बल्कि आईटी सेक्टर भी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता हुआ नजर आने लगा है।
डॉलर की तुलना में रुपये में रिकॉर्ड गिरावट, अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंची भारतीय मुद्रा
