नई
दिल्ली। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य
मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य
प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना के तहत 31 अक्टूबर तक कुल
1,08,580 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को सहायता के लिए मंजूरी दी गई
है।
केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह
जानकारी दी है। बिट्टू ने सदन को बताया कि यह योजना वित्त वर्ष 2020-21 से
वित्त वर्ष 2025-26 तक 10,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ चालू
है। मंत्री ने बताया कि 31 अक्टूबर, 2024 तक पीएमएफएमई योजना के तहत सहायता
के लिए कुल 1,08,580 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को मंजूरी दी गई
है।
रवनीत सिंह बिट्टू ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
मंत्रालय ने 31 अक्टूबर, 2024 तक पीएमकेएसवाई की संबंधित घटक योजनाओं के
तहत 41 मेगा फूड पार्क, 399 कोल्ड चेन परियोजनाएं, 76 कृषि प्रसंस्करण
क्लस्टर, 559 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, 61 बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज सृजन
परियोजनाएं और 51 ऑपरेशन ग्रीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
उन्होंने
कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय अपनी केंद्रीय क्षेत्र की
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई), खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
उत्पादन प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) और केंद्र प्रायोजित पीएम
सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना के माध्यम
से देशभर में संबंधित उद्योगों की स्थापना और विस्तार के लिए लघु एवं मध्यम
सहित खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रहा है।
मंत्री
ने कहा कि पीएलआईएसएफपीआई का उद्देश्य वैश्विक खाद्य विनिर्माण चैंपियनों
के निर्माण में सहायता करना तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य उत्पादों के
भारतीय ब्रांडों का समर्थन करना है। ये योजना वित्त वर्ष 2021-22 से
वित्त वर्ष 2026-27 तक छह वर्ष की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय
के साथ क्रियान्वित की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक योजना की
विभिन्न श्रेणियों के तहत 171 खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों को सहायता के लिए
मंजूरी दी गई है।