नई
दिल्ली लंबे समय से वित्तीय परेशानियों का सामना कर
रही डोमेस्टिक लो कॉस्ट एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने अपने फाइनेंशियल
कमिटमेंट्स के सेटलमेंट का ऐलान किया है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि
एम्पलाइज की पेंडिंग सैलरी और जीएसटी का भुगतान कर दिया गया है। इसके साथ
ही पिछले 10 महीने से बकाया प्रोविडेंट फंड की राशि भी जमा करा दी गई है।
स्पाइसजेट
ने हाल में ही अपनी वित्तीय परेशानियों का निपटारा करने के लिए क्वालिफाइड
इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए 50 करोड़ डॉलर यानी करीब
3,750 करोड़ रुपये के फंड की व्यवस्था की है। एयरलाइन के मैनेजमेंट की ओर
से दावा किया गया है कि फंड की व्यवस्था होने के बाद कंपनी का कामकाज सही
ट्रैक पर आ गया है।
कोरोना काल के पहले डोमेस्टिक एविएशन मार्केट
में स्पाइसजेट की हिस्सेदारी करीब 15 प्रतिशत थी लेकिन कोरोना काल के बाद
कंपनी की वित्तीय सेहत बिगड़ती चली गई। नकदी का संकट हो जाने के कारण
स्पाइसजेट को अपनी विस्तार योजनाओं से भी पीछे हटना पड़ा। इसके साथ ही
डोमेस्टिक एविएशन मार्केट में उसकी हिस्सेदारी भी घटती चली गई। लगभग 5 साल
तक वित्तीय संकट का सामना करने के बाद पिछले महीने ही कंपनी ने क्यूआईपी के
जरिए 3,750 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है।
स्पाइसजेट की ओर से कहा
गया है कि क्यूआईपी के जरिए जुटा गई रकम से कंपनी अपने पुराने कर्ज को
चुकाएगी। इसके साथ ही अपने वर्किंग कैपिटल की जरूरत को भी पूरा करेगी।
हालांकि जानकारों का कहना है कि स्पाइसजेट पर फिलहाल 8,000 करोड़ रुपये का
कर्ज है। ऐसे में स्पाइसजेट को अपनी वित्तीय परेशानियों से पार पाने के लिए
अभी और फंड जुटाने की कोशिश करनी होगी। अन्यथा कंपनी के इंप्लाइज को सैलरी
ना मिलने की समस्या आगे भी बनी रहेगी। इसके साथ ही स्पाइसजेट की विस्तार
योजनाओं पर भी इसका निगेटिव असर पड़ेगा।